BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। शुक्रवार को सदन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों सहित जल-जीवन मिशन योजना में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया गया। सदन में जब उपमुख्यमंत्री (वित्त) जगदीश देवड़ा माल और सेवाकर संशोधन विधेयक प्रस्तुत कर रहे थे। तब विपक्ष ने डिवीजन की मांग की। लेकिन उस मांग को अस्वीकार कर दिया गया।
डिवीजन की मांग को लेकर विपक्ष का हंगामा
डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने विधेयक पर बोलना शुरू किया तो कांग्रेस विधायकों ने डिवीजन की मांग को लेकर शोर और नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर तक सदन में हंगामा होता रहा। विपक्षी विधायक आसंदी के नजदीक भी पहुंचे। विधानसभा में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री ने सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विचार के लिए प्रस्तुत किया। उसके बाद इस विधेयक को भी पारित कर दिया गया। उधर, विधानसभा में निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन संशोधन विधेयक भी पारित किया गया।
विधायक पांडेय ने पेश किया अशासकीय संकल्प
बीजेपी विधायक अभिलाष पांडेय ने संविधान के अनुच्छेद 30 को खत्म करने के लिए अशासकीय संकल्प पेश किया। साथ ही सरकार से इस पर रिव्यू की मांग भी की गई। कांग्रेस विधायक आतिफ अकील ने कहा कि नर्सिंग घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए सत्ता पक्ष के विधायक मदरसों का मुद्धा उठा रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष बोले- सदन चलाने में असहयोग नहीं किया
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिघार ने कहा कि विपक्ष ने इस बार सदन चलाने में असहयोग नहीं किया। इसके बाद भी विधायकों को बोलने का मौका नहीं मिला। प्रदेश आज कर्ज में डूबता जा रहा है। प्रदेश में ब्याज पर ब्याज बढ़ रहा है। उधर, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा की जल जीवन मिशन में जो नल लगाए गए हैं। उसके लिए सड़कें खोद दी गई। नल में पानी के बजाय भ्रष्टाचार टपकता है। इस परियोजना के पीछे अडाणी का काम है। हाईलेवल कमेटी बनाई जाए। जिससे हर विधानसभा के विधायक को शामिल किए जाए। उन्होंने कहा कि सदन की कार्रवाई अगर सोमवार तक चलती तो कांग्रेस के सदस्य नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की भुट्टा पार्टी में शामिल होते।
नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा
नर्सिंग घोटाले को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है। नर्सिंग घोटाले को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल को ज्ञापन सौंपा।
19 दिन का विधानसभा सत्र पांच दिन ही चला
विधानसभा का बजट सत्र 19 जुलाई तक चलना था। लेकिन पांचवें दिन ही इस सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं कांग्रेस विधायकों ने कहा कि वह सदन चलाने में सहयोग कर रहे थे। वहीं हंगामे के बीच उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाए थे। इससे बचने के लिए सरकार ने सत्र को 19 दिन तक नहीं चलने दिया।
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