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मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र इस बार काफी हंगामेदार होने वाला है। खासकर ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के मुद्दे पर कांग्रेस ने विधानसभा में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस विधायक गिरगिट के कटआउट (Cutout of Chameleon) लेकर पहुंचे और ओबीसी समुदाय (OBC Community) को 27% आरक्षण (27% Reservation) देने की मांग की।
विधानसभा में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को लेकर चल रहे इस विवाद ने सियासी तापमान को और भी बढ़ा दिया है। विपक्ष, खासतौर से कांग्रेस, ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ओबीसी वर्ग के हक को सही तरीके से नहीं दे रही है। वहीं, बीजेपी इस मुद्दे पर कांग्रेस से जवाब मांगती नजर आ रही है।
कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि पार्टी पूरी ताकत के साथ सदन में जनता की आवाज उठाएगी। वे नल जल घोटाले (Water Scam) और अन्य मुद्दों पर भी सरकार से जवाब तलब करेंगे। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी को ओबीसी वर्ग के वोट चाहिए, लेकिन उन्हें उनके अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं। वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि बीजेपी ओबीसी का वोट तो चाहती है, लेकिन हक नहीं देना चाहती।
मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरु होने से पहले कांग्रेस ने सदन के बाहर ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर किया प्रदर्शन।
— TheSootr (@TheSootr) July 28, 2025
➡ गिरगिट हाथों में लेकर पहुंचे कांग्रेस, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार बोले -"गिरगिट की तरह रंग बदलती है सरकार"#MPNews #OBC #MPVidhanSabha #MonsoonSession… pic.twitter.com/bA9tjvsGyr
गिरगिट की तरह रंग बदल रही सरकार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक्स पर ट्विट कर कहा कि, प्रदेश की भाजपा सरकार OBC आरक्षण के मुद्दे पर गिरगिट की तरह रंग बदल रही है, न तो उसकी नीति स्पष्ट है, और न ही उसकी नीयत साफ। साथ ही उन्होंने कहा कि, कांग्रेस विधायक दल ने विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सरकार की चालाकी और अवसरवादिता का विरोध करने के लिए प्रतीकात्मक गिरगिट लेकर प्रदर्शन किया।
प्रदेश की भाजपा सरकार OBC आरक्षण के मुद्दे पर गिरगिट की तरह रंग बदल रही है - न नीति स्पष्ट है, न नीयत साफ़।
— Umang Singhar (@UmangSinghar) July 28, 2025
जनता को गुमराह करने की इसी दोहरी नीति के खिलाफ़ आज कांग्रेस विधायक दल के साथ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन प्रतीकात्मक गिरगिट लेकर सरकार की चालाकी और अवसरवादिता का… pic.twitter.com/BNAsmM9L0N
ओबीसी आरक्षण पर विधानसभा में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
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महाकाल मंदिर में बीजेपी नेताओं की दादागिरी
कांग्रेस विधायक महेश परमार ने बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में घुसने के लिए दादागिरी (Highhandedness) कर रहे हैं। उनका कहना था कि सिंहस्थ की तैयारी के दौरान बीजेपी नेता गर्भ गृह में घुस रहे हैं, जो कि एक गंभीर मामला है। इस पर भी कांग्रेस सदन में चर्चा करेगी। इस आरोप ने बीजेपी के खिलाफ और भी विवाद खड़ा कर दिया है।
बीजेपी ने भी किया पलटवार
बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन ने ओबीसी आरक्षण के मामले में कांग्रेस पर हमला बोला। उनका कहना था कि कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि जब वह सत्ता में थी, तब उसने ओबीसी के अधिकारों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए थे। शैलेंद्र जैन ने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण का विरोध किया था और कोर्ट में ओबीसी वर्ग के पक्ष में ठीक से आवाज नहीं उठाई थी। इस आरोप ने विधानसभा में नई बहस को जन्म दिया है।
विधानसभा परिसर में प्रदर्शन पर रोक
इस सत्र से पहले विधानसभा सचिवालय ने सभी विधायकों को एक पत्र भेजा है, जिसमें नारेबाजी और प्रदर्शन (Protests) पर रोक लगाने की अपील की गई थी। इसका कारण विधायकों की सुरक्षा है, और यह फैसला 10 जुलाई को लिया गया था। वहीं, विपक्षी विधायक इस निर्णय का विरोध कर सकते हैं और इसे सदन में उठाने की संभावना है।
जानें OBC आरक्षण का इतिहास
भारत में ओबीसी को आरक्षण देने की प्रक्रिया 1950 के दशक में शुरू हुई थी, जब भारतीय संविधान में सामाजिक और शैक्षिक पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था। लेकिन, समय-समय पर इस आरक्षण की प्रतिशतता और उसे लागू करने के तरीकों में बदलाव होते रहे हैं। 1980 के दशक में, मंडल कमीशन की सिफारिशों के बाद ओबीसी के लिए 27% आरक्षण लागू किया गया था, जो अब भी विवादों में है।
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मंडल आयोग की रिपोर्ट (1980)
ओबीसी आरक्षण का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ 1980 में मंडल आयोग की रिपोर्ट के रूप में आया। इस आयोग का गठन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। इसका उद्देश्य पिछड़े वर्गों की पहचान करना और उनके लिए आरक्षण की सिफारिश करना था। आयोग ने 52% भारतीयों को OBC श्रेणी में रखा और सिफारिश की कि उन्हें सरकारी नौकरियों में 27% आरक्षण दिया जाए।
1980 में मंडल आयोग की रिपोर्ट के बाद, 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने इस रिपोर्ट को लागू करने का निर्णय लिया। इसके बाद, ओबीसी के लिए 27% आरक्षण सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में लागू किया गया। यह कदम भारतीय राजनीति और समाज में काफी विवादास्पद था, लेकिन इसे लंबे समय तक बहस और विरोध का सामना करने के बावजूद लागू किया गया।
21वीं सदी में ओबीसी आरक्षण
ओबीसी आरक्षण का मुद्दा 21वीं सदी में भी महत्वपूर्ण बना रहा। 2006 में, सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय दिया। इसमें यह कहा गया कि ओबीसी के लिए आरक्षण को शैक्षिक संस्थानों में 27% और अन्य क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है। हालांकि, 50% से अधिक आरक्षण के खिलाफ कोर्ट ने निर्णय दिया और इसे संविधान की मूल संरचना के खिलाफ माना।
इसके बाद, ओबीसी आरक्षण को लेकर विभिन्न राज्यों में नीतियों में बदलाव हुए। कुछ राज्यों ने ओबीसी के आरक्षण को बढ़ाया और इसके साथ ही, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए भी आरक्षण देने की दिशा में कदम उठाए।
OBC आरक्षण की वर्तमान स्थिति
आज के समय में ओबीसी आरक्षण एक जटिल और विवादास्पद मुद्दा बन चुका है। कई लोग इसे समाज के कमजोर वर्गों की मदद करने के रूप में मानते हैं, जबकि अन्य इसे सामाजिक असमानता को बढ़ावा देने वाला मानते हैं। ओबीसी के आरक्षण को लेकर कई बार आंदोलन और विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में सीटों की संख्या को लेकर संघर्ष होते हैं।
संविधान में ओबीसी आरक्षण को लेकर कोई विशेष रूप से निर्धारित सीमा नहीं है। यह राज्यों पर निर्भर करता है कि वे इसे कैसे लागू करें। वर्तमान में, OBC के लिए 27% आरक्षण सरकारी नौकरी और शिक्षा संस्थानों में दिया जा रहा है, लेकिन इसमें भी आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की स्थिति पर विचार किए जाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
जानें क्या है ओबीसी आरक्षण का भविष्य?
ओबीसी आरक्षण पर जारी विवाद को लेकर अब यह सवाल उठने लगा है कि इस वर्ग को उनका हक कब मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ओबीसी को 27% आरक्षण मिल जाता है, तो इससे राज्य में सशक्तिकरण (Empowerment) होगा। इसके साथ ही, समाज के हर वर्ग को समान अवसर मिल सकेंगे। वहीं, सरकार के सामने चुनौती यह है कि वह इस मुद्दे पर संतुलन बनाए रखे और सभी वर्गों को न्याय दिलाए।
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एमपी विधानसभा | एमपी विधानसभा का मानसून सत्र | 27 फीसदी OBC आरक्षण | MP News