शीतकालीन सत्र बढ़ाने की मांग: उमंग सिंघार बोले- जनता की आवाज दबाई नहीं, सुनी जानी चाहिए

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि चार दिनों का शीतकालीन सत्र पर्याप्त नहीं है। उनका कहना है कि इस सीमित समय में विपक्ष अपनी बात नहीं रख पाएगा। सरकार से जनता से जुड़े सवालों पर जवाबदेही तय नहीं हो सकेगी।

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Ramanand Tiwari
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BHOPAL.मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आगामी शीतकालीन सत्र की अवधि को बढ़ाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। सिंघार का कहना है कि मौजूदा समयावधि अपर्याप्त है। इससे विपक्ष जनता की बात पूरी तरह नहीं रख पाएगा।

चार दिन का सत्र पर्याप्त नहीं

उमंग सिंघार ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मात्र चार बैठकों का शीतकालीन सत्र प्रदेश के गंभीर जनमुद्दों पर चर्चा के लिए बहुत कम है। उन्होंने कहा कि इतने सीमित समय में न तो विपक्ष अपनी बात रख पाएगा और न ही सरकार से जनता से जुड़े सवालों पर जवाबदेही तय हो सकेगी।

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विधानसभा में जनता की आवाज गूंजनी चाहिए

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है, जहां जनता की आवाज गूंजनी चाहिए, न कि उसे दबाया जाए। उन्होंने जोर दिया कि हर विधायक चाहे सत्ता पक्ष का हो या विपक्ष का- अपने क्षेत्र की समस्याएं और जनता की तकलीफें खुलकर रखने का अवसर पाए।

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सत्र बढ़े, ताकि बहस हो असरदार

सिंघार ने कहा कि अगर सत्र की अवधि बढ़ाई जाती है तो विधानसभा में नीतियों, योजनाओं और जनता की समस्याओं पर सार्थक चर्चा हो सकेगी। इससे न केवल जवाबदेही बढ़ेगी बल्कि लोकतंत्र भी मजबूत होगा।

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राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज

सिंघार की इस मांग के बाद अब राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है। विपक्ष का कहना है कि सरकार बहस से बचना चाहती है, जबकि सत्ता पक्ष का रुख अभी स्पष्ट नहीं है। अब देखना होगा कि विधानसभा सचिवालय इस मांग पर क्या रुख अपनाता है।

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