एमपी विधानसभा की वेबसाइट पर बड़ी चूक: विजया राजे सिंधिया को बना दिया मुख्यमंत्री, अब सुधारी भूल

मध्यप्रदेश विधानसभा की वेबसाइट पर एक बड़ी गलती सामने आई। वेबसाइट पर विजया राजे सिंधिया को पूर्व मुख्यमंत्री बताया गया था। यह तथ्य ऐतिहासिक रूप से गलत है। विजया राजे सिंधिया कभी मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री नहीं रहीं।

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Ramanand Tiwari
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BHOPAL.मध्यप्रदेश विधानसभा की ऑफिशियल वेबसाइट पर एक हैरान करने वाली गलती पकड़ में आई है। भाजपा की संस्थापक सदस्य विजया राजे सिंधिया को यहां राज्य की मुख्यमंत्री के रूप में दिखा दिया गया था। हालांकि, ऐतिहासिक रूप से यह तथ्य गलत है क्योंकि विजया राजे सिंधिया कभी भी मुख्यमंत्री नहीं रहीं।

वेबसाइट पर तथ्यात्मक गलती, उठे सवाल

विधानसभा की वेबसाइट पर विजया राजे सिंधिया को 30 जुलाई 1967 से 25 मार्च 1969 तक मुख्यमंत्री के रूप में दर्ज किया गया था। जो कि बीते कई सालों से दर्ज था। यह तकनीकी या प्रशासनिक गलती अब सिस्टम की मॉनिटरिंग और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। जिस वेबसाइट से जनता को सही जानकारी मिलनी चाहिए, उसी पर ऐसा भ्रम फैलाना न केवल लापरवाही का उदाहरण है बल्कि सरकारी डेटा वेरिफिकेशन सिस्टम की कमजोरी भी उजागर करता है।

अब मामला सामने आने के बाद वेबसाइट की इस गलती को ठीक कर लिया गया है। पहले जहां विजया राजे सिंधिया की फोटो के साथ पूर्व मुख्यमंत्री लिखा गया था। वहां अब उसे सुधारते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शब्द को हटा दिया गया है। इसे आप नीचे फोटो में साफ-साफ देख सकते हैं।

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पहले ये था

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अब ये है

यह बोले विधानसभा के प्रमुख सचिव

इस मामले पर द सूत्र ने एमपी विधानसभा के प्रमुख सचिव अरविंद शर्मा सवाल किया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह गलत था। उसमें करेक्शन कर लिया गया है। उपर तो पूर्व मुख्यमंत्री और सदन का नेता ठीक लिखा था। जहां विजया राजे का उल्लेख था वहां पर थोड़ा मिस्टेक थी। वह ठीक कर ली गई है।

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पारदर्शिता के दावे ध्वस्त

विधानसभा प्रशासन पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता के दावे तो खूब करता है। लेकिन, यह गलती उन दावों की जमीनी हकीकत बयां करती है। एक ही कार्यकाल में दो-दो मुख्यमंत्रियों के नाम और फोटो दिखाया जाना न केवल डेटा प्रूफिंग की विफलता है, बल्कि यह दिखाता है कि कंटेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया कितनी लापरवाह तरीके से काम कर रही है।

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राजमाता सिंधिया: भाजपा की संस्थापक, प्रेरक व्यक्तित्व

राजमाता विजया राजे सिंधिया का भारतीय राजनीति में अमूल्य योगदान रहा है। ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाली राजमाता भाजपा की संस्थापक सदस्यों में अग्रणी थीं। उन्होंने संगठन निर्माण में कई कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाया। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल रहे हैं। वे अपने नेतृत्व और समर्पण से भाजपा को एक मजबूत राजनीतिक पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहीं।

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सुधार की जरूरत, नहीं सिर्फ सफाई की

यह मामला केवल एक वेबसाइट एरर नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक चेतावनी है। ऐसी गलतियां न केवल इतिहास को विकृत करती हैं, बल्कि नई पीढ़ी को गलत जानकारी का स्रोत भी बन सकती हैं। राजनीतिक हस्तियों के ऐतिहासिक तथ्यों में लापरवाही, संस्थागत जवाबदेही पर सवाल उठाती है। विधानसभा की वेबसाइट पर विजया राजे सिंधिया को मुख्यमंत्री दिखाना एक डेटा एथिक्स फेलियर का उदाहरण है।

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