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Photograph: (The Sootr)
BHOPAL.मध्यप्रदेश में नर्सिंग संस्थानों के फर्जीवाड़े थमने का नाम नहीं ले रहे। राजधानी भोपाल के हथाईखेड़ा आनंद नगर स्थित टेक्नोक्रेट इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एवं रामांश हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में एक ही कर्मचारी की नियुक्ति दो-दो संस्थानों में दर्ज पाई गई है।
दस्तावेजों की खानापूर्ति: एक ही कर्मचारी से दो जगह
संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर राजू सिंह राजौरिया ने कलेक्टर और सीएमएचओ को शिकायत में बताया कि उनकी नियुक्ति नर्सिंग कॉलेज में हुई थी, पर बाद में पता चला कि उनका नाम इसी संस्थान की सिस्टर कंसर्न रामांश हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में भी परमानेंट नर्सिंग सिस्टर के रूप में दर्ज है-जबकि वे कभी उस अस्पताल गए ही नहीं।
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दोहरी नियुक्ति से हैं ये अंजान
इसी तरह, संस्थान की ट्यूटर नंदिनी धनोरे और प्रियांशी बारस्कर के नाम भी दोहरी नियुक्ति सूची में पाए गए। नंदिनी अब नौकरी छोड़ चुकी हैं, जबकि प्रियांशी अभी भी संस्थान में कार्यरत हैं। दोनों ने दोहरी नौकरी से अनभिज्ञता जताई है।
यह पहला मौका नहीं,बीते साल भी 9 कर्मचारियों के नाम अस्पताल व ​नर्सिंग संस्थान दोनों जगह दर्ज पाए गए। कमोबेश यही स्थिति कुछ चिकित्सकों को लेकर भी हैं। इनमें से कुछ तो अब शासकीय सेवा में हैं।
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पैरामेडिकल कर्मी बनी वाइस प्रिंसिपल
संस्थान में जॉली जोश चांदे,जो पैरामेडिकल विंग में कार्यरत हैं,को नर्सिंग कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल बना दिया गया है। वहीं, नाममात्र की प्रिंसिपल कभी-कभार ही कॉलेज आती हैं।
अलग-अलग चिकित्सा विधाओं का मिश्रण कर यहां होम्योपैथिक डॉक्टरों से अस्पताल की ओपीडी और नर्सिंग प्रशिक्षण-दोनों का काम कराया जा रहा है।
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मान्यता पर लगी रोक
नर्सिंग संस्थानों का फर्जीवाड़ाः लगातार गड़बड़ियों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने टेक्नोक्रेट इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग की बीएससी नर्सिंग कोर्स की मान्यता फिलहाल रोक दी है।
संस्थान के डायरेक्टर सतीश सिंह ने कहा कि मान्यता संबंधी प्रकरण शासन के समक्ष विचाराधीन है। कर्मचारियों की दोहरी नियुक्ति के सवाल पर उन्होंने कहा-“कार्यालयीन समय में आकर बात करें।”
वहीं,टेक्नोक्रेट इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य एम.के. नागप्पन ने दावा किया कि उनके नर्सिंग संस्थान में किसी भी व्यक्ति की दोहरी नियुक्ति नहीं है। नर्सिंग संस्थान के किसी कर्मचारी का नाम कहीं और भी दर्ज है, इसकी उन्हें जानकारी नहीं।
इस संबंध में रामांश हास्पिटल के उपाध्यक्ष सौरभ करसोलिया का पक्ष जानने का भी प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कोई भी जानकारी होने से इंकार किया।
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