कैग रिपोर्ट में खुलासा : कफ सिरप के 31 फीसदी सैंपल टेस्ट नहीं हुए, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई

कैग रिपोर्ट में राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट कहती है कि 31 फीसदी निरीक्षण नहीं किए गए। वहीं स्वास्थ्य सेवाओं में भारी कमी है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान में कफ सिरप पीने से चार बच्चों की मौत ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मियों और प्रशासन की लापरवाही के कारण यह घटना घटी। इस बीच, भारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का खुलासा किया है, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर एक और बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा है।

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रिपोर्ट में बड़ी लापरवाही की पुष्टि

सीएजी की रिपोर्ट में पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर एंड मैनेजमेंट इन राजस्थान की गंभीर खामियों का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2016 से 2022 के बीच ड्रग कंट्रोल ऑफिसर्स को 94,800 निरीक्षण करने थे, लेकिन अधिकारियों ने केवल 65,135 निरीक्षण किए। इसका मतलब है कि लगभग 31 फीसदी निरीक्षण नहीं किए गए। 2021-22 के दौरान, 21,840 निरीक्षणों की बजाय केवल 16,748 निरीक्षण किए गए। नियमों के अनुसार, प्रत्येक ड्रग कंट्रोल ऑफिसर को हर महीने 20 निरीक्षण करने होते हैं, लेकिन इन आंकड़ों से साफ है कि यह लक्ष्य काफी हद तक हासिल नहीं किया गया।

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गैप भरने की कोशिश जारी

चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने सीएजी रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार इस स्थिति को सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि हम इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं और भर्ती प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। हमारी सरकार ने जितनी भर्ती की है, उतनी किसी भी सरकार ने नहीं की। लगभग 50,000 मैनपावर भर्ती करने की योजना है, जिसमें से 23,000 की भर्ती हो चुकी है और 27,000 और भर्ती किए जाएंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं में भारी कमी

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स की भारी कमी है। राज्य में डॉक्टरों की कमी 35.5%, नर्सों की 18.5% और पैरामेडिक्स की 55.8% तक है। सबसे ज्यादा कमी जयपुर जिले में देखी गई, जहां 65.61% पद खाली हैं। इसके अलावा बारां (49.11%), जालोर (43.12%), पाली (40.53%), राजसमंद (39.50%) जैसे कई जिलों में भी खाली पदों की संख्या काफी अधिक है।

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मंत्री के भर्ती के दावे

चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में भर्ती प्रक्रिया को तेज किया है और अब तक 23,000 कर्मचारियों की भर्ती की जा चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह संख्या किसी भी सरकार की तुलना में सबसे अधिक है, और बाकी 27,000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी।

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स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता

कैग रिपोर्ट ने राजस्थान सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता की ओर इशारा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, यदि इस कमी को जल्द ही पूरा नहीं किया गया, तो यह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर और अधिक नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाए जाने की जरूरत है। 

FAQ

1. कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटना के बाद क्या कदम उठाए गए?
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने रिपोर्ट जारी की और सुधार की प्रक्रिया शुरू की, इसके साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
2. सीएजी रिपोर्ट में कितनी बड़ी लापरवाही सामने आई?
सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, 31% निरीक्षण नहीं किए गए और स्वास्थ्य सेवा में भारी कमी है, विशेष रूप से डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की कमी।
3. राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए क्या कदम उठाए हैं?
राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में 50,000 कर्मचारियों की भर्ती की योजना बनाई है, जिसमें से 23,000 की भर्ती हो चुकी है और बाकी जल्द ही की जाएगी।

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