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Photograph: (the sootr)
Bharatpur. राजस्थान के भरतपुर जिले के वैर उपखंड में खांसी की सिरप पीने से 2 साल के बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। निहालसिंह गुर्जर का बेटा तीर्थराज (2) खांसी और जुकाम से पीड़ित था। निहालसिंह ने अपने बेटे को राजकीय उप जिला चिकित्सालय वैर में दिखाया, जहां डॉक्टर ने खांसी की सिरप दी। घर लौटने के बाद जब बच्चे को सिरप पिलाई गई, तो कुछ ही देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई।
मौत का कारण बनी सिरप
परिजनों ने बताया कि सिरप पीने के बाद बच्चे की हालत गंभीर हो गई। उसे फिर से वैर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे भरतपुर रेफर कर दिया। भरतपुर से उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल भेजा गया, जहां इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि सिरप पीने के बाद ही बच्चे की हालत खराब हुई। अब वे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
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स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप
यह पहला मामला नहीं है, जब खांसी की सिरप से बच्चों की मौत या बीमारियां देखी गई हैं। जयपुर स्थित केयसंस फार्मा कंपनी द्वारा निर्मित इसी सिरप के सेवन से भरतपुर और सीकर जिलों में दो बच्चों की मौत हो चुकी है और 11 बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। यह सिरप सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा योजना के तहत वितरित की जा रही थी, जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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गांव और इलाके में शोक की लहर
वैर की इस घटना के बाद गांव और इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों और परिजनों ने मांग की है कि सरकार मामले की निष्पक्ष जांच कराए, ताकि इस तरह की घटना पुनः न हो। बच्चे की मौत से आंगन सूना हो गया है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बच्चे की मां बार-बार बेसुध हो रही है। हर कोई उसे संभालने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसके आंसू थम नहीं रहे हैं।
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कंपनी और सिरप पर उठते रहे हैं सवाल
साल 2023 में केयसंस फार्मा कंपनी की एक दवा में खामियां पाई गई थीं, जिसके बाद उसे टेंडर से प्रतिबंधित किया गया था। 2021 में दिल्ली में डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन युक्त सिरप से 16 बच्चे बीमार हो गए थे, इसके बावजूद कंपनी को नए टेंडर दिए गए। अब कंपनी का मालिक वीरेंद्र कुमार गुप्ता फरार बताया जा रहा है।