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Photograph: (the sootr)
Jodhpur. राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने शनिवार को जोधपुर के सर्किट हाउस में कफ सिरप से होने वाली मौतों के मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश में कफ सिरप के सेवन से मौतें नहीं हुई हैं और इस संबंध में पहले भी एक जांच समिति बनाई गई थी, जिसने यह पाया कि इस दवा से मौतें नहीं हुई हैं।
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सवालों से बचते हुए कॉन्फ्रेंस छोड़ गए मंत्री
मंत्री खींवसर ने अपने बयान के दौरान पत्रकारों से सवाल पूछे जाने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ दी। जब उनसे यह पूछा गया कि केंद्र सरकार ने कुछ ही घंटे पहले इस दवा के फॉर्मूले को बैन कर दिया है, तो उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देने की बजाय अधिकारियों से जानकारी ली। इस घटनाक्रम ने पूरे मुद्दे को और भी चर्चा में ला दिया है।
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केंद्र और राज्य सरकार की जांच
खींवसर ने कहा कि केंद्र सरकार ने कफ सिरप के फॉर्मूले को बैन किया है और राज्य सरकार भी इस मुद्दे पर अपनी जांच करवा रही है। मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार अपनी तरफ से किसी भी प्रकार की चूक नहीं होने देगी और जरूरत पड़ी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यदि कुछ अस्पतालों में इस दवा का इस्तेमाल हो रहा है, तो सरकार तुरंत इस पर कार्रवाई करेगी।
मौत की वजह पर विवाद
चिकित्सा मंत्री ने इस बात का स्पष्ट खंडन किया कि कफ सिरप के कारण मौतें हुई हैं। उन्होंने बताया कि दवा के फॉर्मूले की पूरी जांच की गई है और यह स्पष्ट हुआ है कि कफ सिरप के सेवन से मौतें नहीं हुईं। इस बयान के बाद मंत्री ने प्रदेश सरकार की तरफ से किसी भी लापरवाही से इनकार किया।
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क्या होगा अगला कदम?
मंत्री ने यह भी कहा कि राजस्थान सरकार इस मामले में पूरी गंभीरता से जांच करेगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होने दी जाएगी।