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MP Assembly Winter Session Fertilizer Crisis Photograph: (the sootr )
Bhopal : विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन खाद संकट पर चर्चा के दौरान सत्ता और विपक्ष के विधायकों के बीच तीखी बहस होती रही। विपक्ष के विधायकों ने खाद संकट से बेहाल किसान की व्यथा को सरकार के सामने रखा। वहीं सत्ता पक्ष ने मुद्दाविहीन कांग्रेस द्वारा खाद के संकट को बेवजह मुद्दा बनाने का कटाक्ष किया। इसको लेकर कुछ देर सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच छींटाकशी चलती रही। सदन में करीब दो घंटे तक भाजपा और कांग्रेस के विधायक खाद की उपलब्धता पर सवाल-जवाब करते रहे।
खाद संकट पर चर्चा
विधानसभा में संध्याकाल में डेढ़ घंटे का समय किसानों को खाद उपलब्ध नहीं होने की स्थिति पर चर्चा के लिए नियत किया गया था। इस विषय पर चर्चा के लिए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नियम 139 के तहत मांग की थी। खाद संकट पर चर्चा की शुरुआत कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने की। उन्होंने कहा पूरे प्रदेश में 1766 प्रश्न लगाए गए हैं जिनमें सबसे ज्यादा खाद की समस्या से जुड़े हैं। ध्यानाकर्षण भी सबसे ज्यादा इसी मामले से संबंधित हैं। हमारी सिंचाई क्षमता बढ़ी है लेकिन खाद न मिलने से किसान उत्पादन नहीं बढ़ा पा रहे हैं। पूरे प्रदेश में किसान आंदोलनरत हैं। उन्होंने कृषि मंत्री द्वारा खाद संकट की वजह यूक्रेन-रूस युद्ध बताने संबंधी बयान का भी हवाला दिया। कांग्रेस विधायक ने कहा मंत्री के ऐसे बयान की वजह से कालाबाजारी बढ़ती है। भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम के पैतृक गांव डूडा में खाद लेने गई महिला किसान को पुलिस द्वारा पीटा गया है। केंद्र सरकार ने उर्वरक कंपनियों को सब्सिडी इसलिए दी है कि वे किसानों को कम दाम पर खाद उपलब्ध कराएं, लेकिन क्या ऐसा हो रहा है। डबल इंजन की सरकार बंदरबाट में लगी है और किसान परेशान हैं।
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कांग्रेस के पास मुद्दा ही नहीं
बीजेपी विधायक राजेन्द्र पांडेय ने जवाब में विपक्ष पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कांग्रेस के पास मुद्दा ही नहीं है। इसलिए कांग्रेस नेता खाद के संकट को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश में खाद की किल्लत जैसी स्थिति कहीं नहीं है। कांग्रेस एक बार फिर खाद को मुद्दा बनाने का छलावा कर किसानों को अपने साथ लेकर सहानुभूति बटोरना चाहती है। बीजेपी विधायक ने कहा इस साल केंद्र सरकार ने सबसे ज्यादा खाद मध्यप्रदेश को उपलब्ध कराया है। साल 2021 में प्रदेश को 46 लाख मीट्रिक टन खाद मिला था, 2022 में यह बढ़कर 48 लाख मीट्रिक टन हुआ जबकि साल 2023 में प्रदेश को 54 लाख मीट्रिक टन खाद मिला था। इस बार यानी 2024 में प्रदेश को रिकॉर्ड 60.71 लाख मीट्रिक टन खान मिला है। कांग्रेस कालाबाजारी, नकली खाद की बात कर रही है जबकि इस साल सबसे ज्यादा कार्रवाइयां प्रदेश में हुई हैं। सरकार ने 34 जिलों में खाद की कालाबाजारी, नकली खाद जैसी शिकायतों पर 86 से ज्यादा केस दर्ज कराए हैं।
डबल इंजन की सरकार की किसान विरोधी
कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि डबल इंजन की सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण देशभर में किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की आय दोगुना करेंगे, खेती को लाभ का धंधा बनाएंगे, जैसे नारे कई सालों से सुन रहे हैं। किसान कल्याण के वादेर तब तक खरे नहीं उतर पाएंगे जब तक सरकार की नींद नहीं खुलेगी। खाद की समस्या विकराल है, बड़े स्तर पर नकली खाद, नकली दवाई दी जा रही है। किसान को दो-दो बोरी दी जा रही है और उसकी खेती 50 एकड़ है। जबरन नैनो खाद पकड़ाई जा रही है। किसान गिड़गिड़ा रहा है वहीं कालाबाजारी करने वालों को सत्ता पक्ष के लोगों का संरक्षण है।
धान-गेहूं की एमएसपी नहीं दी
कांग्रेस विधायक नितेंद्र बृजेंद्र सिंह राठौर ने कहा सिंचाई के समय बिजली गायब, फसल के दाम नहीं, खाद है नहीं, संकल्प पत्र में जो वादा किया था उसके आधार पर धान-गेहूं की एमएसपी नहीं दी जा रही। पूरे बुंदेलखंड में खाद की समस्या है। 1400 रुपये खाद की कीमत को 1500 रुपये के पार करने की तैयारी की जा रही है। लहसुन 60 फीसदी एमपी में होता है, लेकिन दाम नहीं मिल रहा है।बुंदेलखंड के किसान पलायन कर रहे है। मूंगफली में घाटा हुआ। सरकार अदरक, आलू और जमीन में होने वाले सब्जी फसल पर ध्यान दें। कांग्रेस विधायक दिनेश जैन ने कहा कि राहत, मुआवजा और बीमा राशि के लिए भटक रहा है। अनुपूरक बजट में आपदा प्रबंधन के लिए बड़ा हिस्सा रखा गया है। लेकिन आपदा में किसानों को आपदा प्रबंधन की राशि से राहत नहीं मिलती। आपदा में किसानों को एक हेक्टेयर पर 46 हजार रुपए देने का प्रावधान सरकार ने किया था लेकिन बीमा कंपनी इस हिसाब से एक भी किसान को राहत राशि नहीं देती।
किसानों की जरूरत के समय कनेक्शन क्यों काटे
विधायक दिनेश गुर्जर ने सवाल उठाया कि किसानों की जरूरत के समय ही कनेक्शन क्यों काटे जाते हैं। उन्होंने सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा आप ही कोई जिला चुन लें। वहां चलते हैं देखते हैं कहां खाद, बीज और मुआवजा की समस्या न हो। विधायक गुर्जर ने अपने गृह जिले मुरैना की स्थिति से सदन को अवगत कराया। उन्होंने कहा किसान कंगाल हो रहा है। उनके बच्चे शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं। किसान नामांतरण के लिए भटक रहे हैं, पटवारी रुपया मांगते हैं। उनके अलावा कांग्रेस विधायक कैलाश कुशवाहा, बाबू जंडेल, विपिन जैन, आशीष शर्मा ने भी अपनी बात रखी।
कांग्रेस विधायकों को दिया जवाब
भाजपा विधायक रीति पाठक ने खाद संकट पर बोल रहे कांग्रेस विधायकों को जवाब दिया। उन्होंने कहा कांग्रेस के राज में कभी किसानों को लाभ नहीं मिला और अब उनसे किसानों को मिल रहा लाभ भी देखा नहीं जा रहा। पाठक ने पीएम नरेंद्र मोदी को किसान कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लिए धन्यवाद दिया। बीजेपी विधायक ने कहा कांग्रेस के विधायक शोर मचा रहे हैं लेकिन तेज आवाज में बोलने से झूठ सच में नहीं बदल जाएगा। विपक्ष को समझना चाहिए। खाद की उपलब्धता के लिए सरकार के कामों की सराहना की जानी चाहिए। उनके अलावा अन्य भाजपा विधायकों ने भी विषय पर अपनी बात रखी।
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