एमपी में एस्ट्रो टूरिज्म विलेज की तैयारी, अब 22 गांवों में स्टार देखेंगे सैलानी

मध्य प्रदेश में एस्ट्रो टूरिज्म विलेज बनेगा। 22 गांवों में डार्क-स्काई जोन स्थापित होंगे। पर्यटक तारों का दृश्य देख सकेंगे। स्थानीय बच्चों और युवाओं को खगोल गाइड की ट्रेनिंग दी जा रही है।

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Sandeep Kumar
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BHOPAL.मध्य प्रदेश में 22 ग्रामीण क्षेत्रों को एस्ट्रो टूरिज्म विलेज बनाया जा रहा है। डार्क-स्काई जोन, स्टार गेजिंग एमपी और बच्चों की ट्रेनिंग पर खास फोकस रहेगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

पहले 5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला

👉मध्य प्रदेश में 22 गांवों को एस्ट्रो टूरिज्म के लिए चुना गया है।
👉यहां डार्क-स्काई जोन बनेंगे, जिससे रात में तारों का नजारा दिखेगा।
👉स्थानीय बच्चों और युवाओं को खगोल गाइड की ट्रेनिंग दी जा रही है।
👉एस्ट्रो विलेज में आकाश अवलोकन और टेलीस्कोपिक व्यूइंग जैसी सुविधाएं होंगी।
👉यह योजना पर्यटन और रोजगार दोनों को आगे बढ़ाएगी।

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मध्य प्रदेश में एस्ट्रो टूरिज्म विलेज की शुरुआत

मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने 17 जिलों के 22 गांवों में एस्ट्रो टूरिज्म विलेज बनाने की योजना तैयार की है। इन जगहों को खास तौर पर तारों के नजारे के लिए तैयार किया जाएगा।  

डार्क-स्काई जोन में सितारों का शानदार दृश्य

इन गांवों में डार्क-स्काई जोन बनाए जाएंगे। इससे रात में बिना किसी रुकावट के आसमान में तारे देखे जा सकेंगे। ऐसे अनुभव देश की कुछ चुनिंदा जगहों पर ही मिलते हैं।

बच्चों को दी जा रही एस्ट्रो गाइड की ट्रेनिंग

परियोजना के तहत स्थानीय युवाओं को एस्ट्रो गाइड और सुविधादाता बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है। बच्चों को भी खगोल विज्ञान से जुड़े कौशल सिखाए जा रहे हैं।

पर्यटन को मिलेगा नया आयाम और रोजगार के अवसर

एस्ट्रो विलेज, टेलीस्कोपिक व्यूइंग और खगोलीय घटनाओं का लाइव प्रदर्शन करेगा। इससे न सिर्फ पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को भी नए रोजगार मिलेंगे।

जानिए किन 22 जगहों पर बनेंगे एस्ट्रो टूरिज्म विलेज

  • बालाघाट: केरा, पीपरा टोला, मुक्की, लम्पा
  • छिंदवाड़ा: चिमटीपुर, बिजादाना, धुसवानी, कजरा
  • बैतूल: बिजवाड़ा, बांचा
  • सिवनी: बरेली पार, कोहाका
  • नर्मदापुरम: चिड़का, ढाबा
  • उमरिया: रांचा, दोभा
  • सिंगरौली: मड़ा
  • अनूपपुर: उमरगांव
  • मंडला: चौगान
  • पन्ना: मनूर
  • धार: ज्ञानपुरा
  • दमोह: रिचखुड़ी

विशेषज्ञ एजेंसियों का सहयोग और तकनीकी व्यवस्था

पर्यटन विभाग ने विशेषज्ञ एजेंसियों से एस्ट्रो विलेज के लिए उपकरण और तकनीकी प्लेटफॉर्म की व्यवस्था के लिए ऑफर बुलाए हैं। जल्द ही टीम इन विलेजों के लिए आवश्यक उपकरण पहुंचाएगी।

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बच्चों में विज्ञान की रुचि बढ़ाने की पहल

एस्ट्रो टूरिज्म के बहाने बच्चों में विज्ञान और खगोल की रुचि बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। इससे बच्चे भविष्य में नए अवसर तलाश पाएंगे।

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एस्ट्रो टूरिज्म के लिए दो दर्जन स्थानों का चयन 

मध्य प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के एसीएस शिवशेखर शुक्ला ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि नेशनल पार्क और बेहतर लोकेशन वाले डेस्टिनेशन के आसपास पर्यटकों को तारामंडल के चमत्कारों का अनुभव कराया जाएगा। इसमें तारामंडल देखना, खगोल-फोटोग्राफी और खगोलीय घटनाओं का अनुभव आदि शामिल हैं। एस्ट्रो टूरिज्म मध्य प्रदेश के लिए करीब दो दर्जन स्थानों का चयन किया गया है। वहां बच्चों को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है।

FAQ

एस्ट्रो टूरिज्म विलेज क्या है?
ये ऐसे गांव हैं जहां टूरिस्ट तारों और खगोलीय घटनाओं का अनुभव ले सकते हैं।
एस्ट्रो टूरिज्म विलेज के लिए कौन-कौन सी जगहों को चुना गया है?
प्रदेश के 17 जिलों के 22 गांव, जैसे बालाघाट, छिंदवाड़ा, बैतूल, सिवनी आदि।

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