बालाघाट में निकली शहीद इंस्पेक्टर आशीष की श्रद्धांजलि यात्रा, अंतिम संस्कार ग्राम बोहानी में, सीएम मोहन यादव होंगे शामिल

नक्सली मुठभेड़ में शहीद हॉक फोर्स इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की श्रद्धांजलि यात्रा बालाघाट में निकाली गई। उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया नरसिंहपुर के बोहानी गांव में होगी। यहां उन्हें राजकीय सम्मान दिया जाएगा।

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Sanjay Dhiman
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inspector aashish sharma

Photograph: (the sootr)

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BALAGHAT. बालाघाट में गुरुवार सुबह हॉक फोर्स इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की श्रद्धांजलि यात्रा निकाली गई। इस वीर जवान को आखिरी सलाम देने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। माहौल बेहद गमगीन था, हर आंख नम थी। शहीद के परिवार फूट-फूटकर रोया, यह दृश्य दिल दहला देने वाला था। उनकी शहादत से पूरा देश दुखी है। श्रद्धांजलि यात्रा के बाद, परिवार पार्थिव शरीर लेकर नरसिंहपुर के लिए रवाना हो गया।

शहीद का अंतिम संस्कार पैतृक गांव बोहानी में पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा। शहीद के पार्थिव शरीर को फूलों से सजे ट्रक में मुक्तिधाम ले जाया जाएगा। शहीद के सम्मान में उन्हें राष्ट्रीय ध्वज भी सौंपा जाएगा। इस दुखद घड़ी में, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी बोहानी गांव पहुंचकर अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।

नक्सलियों से मुठभेड़ में हुए थे शहीद

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में नक्सलियों के खिलाफ एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया था। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की पुलिस टीमें इस ऑपरेशन में शामिल थीं। नक्सलियों के ठिकाने की खबर तीनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्र के बोर तालाब के पास मिली थी।

एंटी नक्सल ऑपरेशन डीजी पंकज श्रीवास्तव ने यह जानकारी दी है। पुलिस टीम जब जंगल में सर्चिंग कर रही थी, तभी नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। अचानक हुई इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को गोली लग गई। गंभीर रूप से घायल आशीष को अस्पताल ले जाया गया, पर डॉक्टरों ने उन्हें शहीद घोषित कर दिया। वह इस संयुक्त टीम को लीड कर रहे थे। 

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शहीद इंस्पेक्टर की अंतिम यात्रा और घटनाक्रम को ऐसे समझें 

  • शहीद इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की श्रद्धांजलि यात्रा गुरुवार सुबह बालाघाट में निकाली गई, जहाँ परिजन फूट-फूटकर रो पड़े।
  •  उनका पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव बोहानी, जिला नरसिंहपुर, ले जाया गया, जहाँ राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
  • इंस्पेक्टर आशीष शर्मा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और छत्तीसगढ़ के संयुक्त नक्सल विरोधी ऑपरेशन के दौरान राजनांदगांव के जंगल में नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए थे।
  • वह एक बहादुर अधिकारी थे, जिन्हें पूर्व में बहादुरी और उत्कृष्ट कार्य के लिए दो बार वीरता पदक मिला था और आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी दिया गया था।
  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अंतिम संस्कार में शामिल होंगे; उन्होंने शहीद के भाई को सरकारी नौकरी और परिवार को नियमों के अनुसार मदद देने का ऐलान किया है।

अदम्य साहस और वीरता के प्रतीक आशीष

इंस्पेक्टर आशीष शर्मा एक असाधारण वीर पुलिस अधिकारी थे। उनका जन्म 14 फरवरी 1994 को हुआ था। साल 2016 में उन्होंने सब-इंस्पेक्टर के तौर पर पुलिस सेवा जॉइन की थी।

नक्सल विरोधी अभियानों में उनका अहम रोल रहा है। उनकी बहादुरी और उत्कृष्ट काम को देखते हुए उन्हें सरकार ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी दिया था। अपने छोटे से करियर में, उन्हें दो बार वीरता पदक (Gallantry Medal) से सम्मानित किया जा चुका था। उनकी यह बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। 

सीएम ने आशीष शर्मा को दी श्रद्धांजलि

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने X पर शहीद आशीष शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा कि नक्सलियों से मुठभेड़ में वीरगति प्राप्त करने वाले आशीष शर्मा को मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनकी बहादुरी और साहस हमेशा याद रखी जाएगी। मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना भी व्यक्त की।

शहीद के भाई को मिलेगी सरकारी नौकरी

मुख्यमंत्री ने बुधवार को सतना जिले में एक कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि शहीद आशीष शर्मा के छोटे भाई को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके साथ ही सरकार ने शहीद के परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई बिना किसी रुकावट के जारी रहेगी।

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अंतिम यात्रा में शामिल होंगे कई वरिष्ठ अधिकारी

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शहीद के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए बोहानी गांव पहुंचने का ऐलान किया। वे डमरू घाटी में स्थित हेलीपैड से हेलीकॉप्टर से बोहानी जाएंगे और वहां शहीद के परिवार के साथ समय बिताएंगे। साथ ही, कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जिनमें आईजी और डीआईजी रैंक के अधिकारी शामिल होंगे, इस अंतिम यात्रा में शामिल होंगे।

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