14 तेंदुओं और 7 बाघों को लील गई ये रेल लाइन, हादसे नहीं...ये हत्या है!

मध्‍य प्रदेश का बरखेड़ा-बुदनी रेल खंड वन्यजीवों के लिए काल साबित हो रहा है। 9 सालों में इस रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की चपेट में आने से कई वन्यजीवों की मौत हो चुकी है, लेकिन फिर भी व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ है।

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Ravi Singh
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Bhopal : मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अभी हाथियों की मौत की आंच ठंडी भी नहीं हुई थी कि वन्यजीवों से जुड़ी एक और चिंताजनक खबर सामने आई है। प्रदेश का बरखेड़ा-बुदनी रेल खंड वन्यजीवों के लिए काल साबित हो रहा है। 9 सालों में इस रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की चपेट में आने से कई वन्यजीवों की मौत हो चुकी है, लेकिन फिर भी व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ है।

बरखेड़ा से बुदनी के बीच रेलवे लाइन प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वर्ष 2015 से अब तक इस रेलवे ट्रैक पर 14 तेंदुओं, 7 बाघों और एक भालू की मौत हो चुकी है। इससे साफ है कि यहां वन्यप्राणियों को हादसों से बचाने के लिए किए गए प्रयास नाकाफी हैं।

रेलवे प्रोजेक्ट पर उठे सवाल

साल 2011-12 में स्वीकृत हुए 991.60 करोड़ रुपए की लागत वाले बरखेड़ा-बुदनी रेल सेक्शन का हिस्सा रातापानी वाइल्डलाइफ सेंचुरी और टाइगर रिजर्व में आता है। यह परियोजना उस तब विवादों में आ गई, जब इसी जुलाई में एक ट्रेन की चपेट में आकर तीन बाघ शावकों की मौत हो गई थी। इस साल सितंबर में रेल लाइन कंस्ट्रक्शन को लेकर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड द्वारा लगाई गई कुछ शर्तों के पालन में खामियों को उजागर किया गया था, लेकिन आरोप है कि रेलवे ने शर्तों का सही ढंग से पालन नहीं किया।

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अंडरपास में भर जाता है पानी

पिछले दिनों हुई वन अमले की बैठक में बताया गया कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए बनाए गए अंडरपास का सही निर्माण नहीं किया गया। अंडरपास लोकल ड्रेनेज सिस्ट के ऊपर हैं, जो बारिश के मौसम में पानी से भर जाते हैं, इससे जानवरों को वैकल्पिक मार्ग तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ता है और इसी के चक्कर में वे कई बार रेलवे ट्रैक पर आ जाते हैं।

एक तथ्य यह भी निकलकर सामने आया है कि वन क्षेत्रों से गुजरने वाली ट्रेनों के लिए स्पीड लिमिट 60 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई थी, जबकि रेलवे अधिकारियों द्वारा लगाए गए सावधानी बोर्ड 75 और 65 किलोमीटर प्रति घंटे की गति सीमा दर्शाते हैं। यह निर्धारित सुरक्षा उपायों का स्पष्ट उल्लंघन है।

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