यूनियन कार्बाइड कचरे का विरोध, पीथमपुर के लोग सड़कों पर उतरे

मध्‍य प्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने का विरोध बढ़ता जा रहा है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और नारे लगा रहे हैं कि 'हम पीथमपुर को भोपाल नहीं बनने देंगे'।

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Ravi Singh
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MP Bhopal gas tragedy Dhar Pithampur Union Carbide toxic waste

MP Bhopal gas tragedy Dhar Pithampur Union Carbide toxic waste Photograph: (the sootr)

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Pithampur Union Carbide toxic waste : मध्य प्रदेश के धार जिले के अंतर्गत पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। जैसे-जैसे कचरा जलाने की तारीख नजदीक आती जा रही है, लोगों का विरोध बढ़ता नजर आ रहा है। जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा 6 जनवरी की डेडलाइन जारी करने के बाद अब पीथमपुर के आम लोग सड़कों पर उतर आए हैं।

कभी भी पीथमपुर आ सकता जहरीला कचरा

आम लोगों का मानना ​​है कि यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा कभी भी पीथमपुर आ सकता है। इसी को लेकर आज पीथमपुर रक्षा मंच द्वारा बड़ी संख्या में लोगों ने काली पट्टी बांधकर रामेश्वर मंदिर छात्र छाया कॉलोनी से विशाल रैली निकाली। इस विशाल रैली में पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के हजारों पुरुष और महिलाएं शामिल हुए।

पीथमपुर को भोपाल नहीं बनने देंगे

रैली में पुरुष और महिलाएं 'हम पीथमपुर को भोपाल नहीं बनने देंगे' लिखी तख्तियां थामे नजर आए। रैली में शामिल हजारों लोगों ने नारे भी लगाए। रैली छात्रा छाया कॉलोनी से शुरू होकर महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर समाप्त हुई। यह रैली यूनियन कार्बाइड के विरोध में निकाली गई। इस विशाल रैली में नगर पालिका अध्यक्ष सेवंती सुरेश पाटे समेत कई लोग शामिल हुए।

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कचरे का दुष्परिणाम आने वाली पीढ़ियों भुगतेंगी 

आम लोगों का मानना ​​है कि भोपाल गैस त्रासदी और यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के कारण पीथमपुर और इंदौर में बड़ी मात्रा में फसलें और पानी खराब हो जाएगा। हम न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं। लेकिन पीथमपुर की जनता और आम लोगों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। इस जहरीले कचरे का दुष्परिणाम आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा। पीथमपुर रक्षा समिति के लोगों ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम पीथमपुर नगर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि पीथमपुर में कचरा न जलाया जाए और न्यायालय पुनर्विचार करे।

ग्रीन कॉरिडोर बनेगा

राज्य के गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग के निदेशक स्वतंत्र कुमार सिंह का कहना है कि भोपाल गैस त्रासदी का कचरा एक ऐसा कलंक है। जो 40 साल बाद मिटने जा रहा है। हम इसे पीथमपुर भेजकर सुरक्षित तरीके से नष्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि इस रासायनिक कचरे को भोपाल से पीथमपुर भेजने के लिए 250 किलोमीटर लंबा 'ग्रीन कॉरिडोर' बनाया जाएगा। 'ग्रीन कॉरिडोर' का मतलब है सड़क पर यातायात को व्यवस्थित करके कचरे को कम से कम समय में गंतव्य तक पहुंचाना।

भोपाल कलेक्टर ने दी हरी झंडी

सूत्रों के अनुसार, भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस काम के लिए परिवहन की अनुमति जारी कर दी है। भोपाल गैस राहत विभाग ने भोपाल, सीहोर, आष्टा, इंदौर, और धार जिलों के कलेक्टरों को जानकारी भेज दी गई है। इन जिलों की सीमाओं से होकर यह कचरा पीथमपुर स्थित रामकी प्लांट तक पहुंचेगा। रामकी कंपनी के विशेषज्ञ इसे पैक करने से लेकर सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करेंगे।

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