Lightning : एमपी में बारिश के बीच आकाशीय बिजली का कहर जारी , जानें क्यों गरजता है बादल?, बिजली गिरने पर क्या रखें सावधानी

मध्‍य प्रदेश में बारिश शुरू होते ही आकाशीय बिजली गिरने से मौत और लोगों के झुलसने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हम आपको बताएंगे कि बिजली क्यों गिरती है, इससे बचाव के लिए क्या सावधानी रखें।

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Vikram Jain
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नफीस खान. Sehore. मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है। भोपाल, ग्वालियर, सिवनी, बैतूल समेत कई जिले बारिश से तरबतर हो गए। पचमढ़ी में दिनभर में सर्वाधिक बारिश 90 मिलीमीटर रिकॉर्ड हुई। भारी बारिश के बीच आकाशीय बिजली का कहर भी देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों में बिजली गिरने से मौत होने और लोगों के झुलसने की कई घटनाएं सामने आई है। आज हम जानेंगे कि बिजली क्यों गिरती है, इससे बचाव के लिए क्या सावधानी रखें।

सीहोर में बिजली गिरने से 7 मजदूर झुलसे

सीहोर में बारिश के बीच एक खेत में बिजली गिरने से सात मजदूर झुलस गए। ये सभी लोग खेत में धान रोपाई कर रहे थे। घायलों में दो की हालत नाजुक बनी हुई है। घायलों को नर्मदापुरम के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है।

धार में 3 बच्चों की मौत, देवास में टीचर की गई जान

धार जिले में आकाशीय बिजली गिरने से तीन बच्चों की मौत हो गई। देवास के खातेगांव में 28 साल शिक्षक की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। अब सीहोर के बुधनी क्षेत्र में बिजली गिरने की घटना सामने आई है। यहां खेत में काम कर रहे सात लोग बिजली गिरने से झुलस गए।

कैसे बनती है आकाशीय बिजली, क्यों होती है गड़गड़ाहट

मानसून के दिनों में आसमान में बिजली का चमकना और उस वजह से तेज गड़गड़ाहट आम बात है। आसमान में जब ज्यादा बादल होते हैं या फिर मानसून के दिनों में हमें अक्सर आसमान से बिजली चमकने के साथ जबरदस्त गड़गड़ाहट की आवाज होती है। हम इसे आमतौर पर बिजली का कड़कना कहते हैं, ये जमीन पर गिरने पर जानलेवा साबित होती है।

बारिश के मौसम में अक्सर आसमानी बिजली गिरने के मामले सामने आते हैं। बादलों की तेज गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर हर कोई डर जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर बादलों के बीच यह बिजली बनती कैसे है? यह जहां पर गिरती है, वहा तबाही मचा देती है। पहले ये समझ लेते हैं कि आकाशीय बिजली बनती कैसे है।

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पहली बार इस वैज्ञानिक ने बिजली गिरने की सही वजह

साल 1872 में वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने पहली बार बादलों के बीच बिजली चमकने की सही वजह बताई थी। उन्होंने बताया कि बादलों में पानी के छोट-छोटे कण होते हैं, जो वायु की रगड़ की वजह से आवेशित हो जाते हैं। कुछ बादलों पर पॉजिटिव चार्ज हो जाता है, तो कुछ पर निगेटिव चार्ज। 

आसमान में जब दोनों तरह के चार्ज वाले बादल एक दूसरे से टकराते हैं तो लाखों वोल्ट की बिजली उत्पन्न होती है। कभी-कभी इस तरह उत्पन्न होने वाली बिजली इतनी अधिक होती है कि धरती तक पहुंच जाती है। इस घटना को बिजली गिरना कहा जाता है।

क्यों गरजते हैं बादल?

जब आसमान में इस तरह बिजली पैदा होती है, तो बादलों के बीच जो जगह रहती है, वहां पर बिजली की धारा बहने लगती है। इससे बड़े पैमाने पर चमक उत्पन्न होती है जिसकी वजह से आसमान में बादलों की बीच चमक नजर आती है। बिजली की धारा बहने की वजह से बहुत अधिक मात्रा में गर्मी पैदा होती है जिससे वायु फैलती है और इससे करोड़ों कणों की आपस में टक्कर होती है। इससे बादलों के बीच गड़गड़ाहट पैदा होती है जिसकी आवाज यानि गर्जना सुनाई देती है।

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पहले चमक... फिर आवाज क्यों आती है? 

बिजली का चमकना और गड़गड़ाहट होना साथ ही होता है लेकिन हमें बिजली की चमक पहले नजर आती है, उसकी वजह ये भी है कि प्रकाश की गति ध्वनि से बहुत ज्यादा तेज यानि 30,0000 किलोमीटर प्रति सेकेंड होती है जबकि ध्वनि की गति केवल 332 मीटर प्रति सेकेंड होती है।

बिजली गिरने का ज्यादा खतरा कहां

  • खेतों में काम करने वाले, पेड़ों के नीचे पनाह लेने वाले, तालाब में उस समय नहाते हुए लोग इसके खतरे में ज्यादा होते हैं। लिहाजा जब भी बिजली की चमक नजर आए तब इनके पास से हट जाएं।आकाशीय बिजली गिरने खतरनाक साबित होता है। बारिश के मौसम में अक्सर ही बिजली गिरने की घटनाएं सामने आती हैं, ऐसे में लोगों को सावधान रहना चाहिए।
  • बिजली चमकने और बादलों से गड़गड़ाहट की आवाज आने पर अगर आप घर के भीतर हों तो तुरंत सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर दें और अनप्लग करें। 
  • खिड़कियां और दरवाजे बंद कर दें, बरामदे और छत से दूर रहें। इसके अलावा वो वस्तुएं जो बिजली के सुचालक हैं उनसे भी दूर रहना चाहिए। धातु से बने पाइप, नल, फव्वारा, वाश बेसिन आदि के संपर्क से दूर रहना चाहिए। कम से कम 30 मिनट तक बिजली गिरने के बाद घर के अंदर ही रहें।
  • बिजली अगर आसमान में चमक रही है तो तुरंत पेड़, बड़ी और ऊंची इमारत और नदी या तालाब के पास से हट जाना चाहिए। 
  • कभी बिजली चमकते समय पेड़ के नीचे खड़े मत हों, ऊंची इमारतों वाले क्षेत्र में आश्रय नहीं ले, समूह में खड़े होने की बजाय अलग-अलग हो जाएं। किसी मकान में आश्रय लेना बेहतर है।
  • सफर के दौरान अपने वाहन में ही रहें, मजबूत छत वाले वाहन में रहें, खुली छत वाले वाहन की सवारी न करें, बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग नहीं करें। बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा तार की बाड़ और मशीन आदि से दूर रहें, तालाब और जलाशयों से दूर रहें यदि आप पानी के भीतर हैं, अथवा किसी नाव में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं। 

अगर गिरी बिजली का आघात हुआ हो तो…

बिजली का झटका लगने पर जरूरत के अनुसार व्यक्ति को सीपीआर, कार्डियो पल्मोनरी रेसिटेंशन यानि कृत्रिम सांस देनी चाहिए. तुरंत प्राथमिक चिकित्सा देने की व्यवस्था करें।

सामान्य बचाव: 30/30 नियम का पालन करें: यदि आप बिजली चमकने और गरजने के बीच 30 सेकंड से कम समय का अंतर महसूस करते हैं, तो तुरंत सुरक्षित जगह पर जाएं और 30 मिनट तक वहीं रहें।

धातु की वस्तुओं से दूर रहें: गहने, घड़ियाँ, बेल्ट और छाते जैसी धातु की वस्तुओं को उतार दें।

भीगने से बचें: बारिश में भीगने से बचें, क्योंकि पानी बिजली का अच्छा संवाहक है।

सूचना पर ध्यान दें: मौसम विभाग द्वारा जारी बिजली गिरने की चेतावनी पर ध्यान दें और सुरक्षित जगह पर जाएं।

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