रामनिवास रावत बनेंगे मंत्री, मानसून सत्र के बाद होगी ताजपोशी

मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक रामनिवास रावत कद्दावर नेता हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले 30 अप्रैल को बीजेपी का दामन थामा था। विधानसभा के मानसून सत्र के बाद रावत की ताजपोशी हो जाएगी।

Advertisment
author-image
Ravi Kant Dixit
एडिट
New Update
 Ramnivas Rawat
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

भोपाल. कांग्रेस से बीजेपी में आए विधायक रामनिवास रावत मंत्री बनेंगे। सभी सियासी समीकरण बिठाने के बाद बीजेपी में सैद्धांतिक तौर पर उन्हें मंत्री बनाए जाने पर सहमति बन गई है। विधानसभा के मानसून सत्र के बाद रावत की ताजपोशी हो जाएगी।

मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक रामनिवास रावत कद्दावर नेता हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले 30 अप्रैल को बीजेपी का दामन थामा था। श्योपुर में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी। अब बीजेपी उन्हें मंत्री बनाने जा रही है।

आपको बता दें कि छह बार के विधायक रामनिवास रावत कभी कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे। वे 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सुनामी में भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। 

 रामनिवास रावत को मजबूती देते हैं ये समीकरण

1. रामनिवास रावत प्रदेश में ओबीसी का बड़ा चेहरा हैं। बीजेपी अब उनकी ताकत को भुनाना चाहती है। वे ग्वालियर-चंबल अंचल में बीजेपी को मजबूत करेंगे। 
2. रावत के बीजेपी में आने से विधानसभा में कांग्रेस और कमजोर हो गई है। पहले रावत सदन में मुखर होकर कांग्रेस की बात रखते थे, अब ऐसा नहीं होगा। 
3. जातिगत समीकरणों को भी देखें तो ओबीसी कोटा से रावत फिट बैठते हैं। एमपी में ओबीसी वर्ग की आबादी 50 फीसदी है। बीजेपी अब इसे भुनाएगी। 
4. ग्वालियर-चंबल की अंदरूनी राजनीति में रावत का अच्छा खासा दखल है, वे मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष रह चुके हैं। अब साथ कई समर्थकों को बीजेपी में लाए हैं। 
5. मौजूदा मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव सहित 13 सदस्य ओबीसी हैं, जो बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग को दर्शाता है। ओबीसी वर्ग यहां हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है।

मंत्रिमंडल का मौजूदा सिनेरियो भी समझ लीजिए

एमपी में अभी 28 मंत्रियों में से 18 कैबिनेट रैंक के हैं। छह राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं और चार राज्य मंत्री हैं। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव को मिलाकर 13 ओबीसी, 8 सामान्य, 5 एससी और 5 एसटी वर्ग से आते हैं। अब रावत के मंत्री बनने के साथ 14 ओबीसी मंत्री हो जाएंगे। इस तरह ओबीसी की 50 फीसदी की आबादी के हिसाब से मंत्रिमंडल में ओबीसी मंत्रियों की संख्या भी 45 फीसदी के करीब हो जाएगी।

ये खबर भी पढ़ें...

स्कीम 171 होगी लैप्स, IDA ने दिया एफिडेविट, लेकिन कलेक्टर और सहकारिता पर डाली भूधारकों की पहचान की जिम्मेदारी

कांग्रेस में सुनवाई नहीं होती

तीन दिन पहले विधायक रावत ने कांग्रेस छोड़ने के सवाल का मीडिया में जवाब दिया था। उन्होंने कहा ​था कि पूरा हाउस मैं चलाता था, लेकिन नेता प्रतिपक्ष मुझसे जूनियर को बना दिया गया। मेरे बराबर किसी को बनाते तो दिक्कत नहीं थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में मेरी सुनवाई होती तो बीजेपी में क्यों जाता? सीएलपी लीडर बनाने के लिए दो-तीन बार मौके आए, लेकिन मुझे नहीं बनाया गया।

ु

अभी तक नहीं दिया इस्तीफा

खास बात यह है कि कांग्रेस छोड़ने के बाद रामनिवास रावत ने अभी इस्तीफा नहीं दिया है। उनसे पहले बीजेपी ज्वाइन करने वाले छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक रहे कमलेश शाह इस्तीफा दे चुके हैं। अब अमरवाड़ा में उपचुनाव हो रहा है। पद से इस्तीफा देने के सवाल पर रावत कहते हैं, जब समय आएगा, तब इस्तीफा दे दूंगा। कांग्रेस को जो करना है, वो कर सकती है। उनका यह भी आरोप है कि कांग्रेस में पैसे से टिकट दिया जाता है।

ये खबर भी पढ़ें...

बिंदिया, चूड़ी, कँगन बन रहे नौकरी मिलने में बंधन

नियम कायदे कानून भी समझ ​लीजिए

रामनिवास रावत मंत्री तो बन जाएंगे, लेकिन उन्हें अपनी विधायकी छोड़नी होगी। वे यदि ऐसा नहीं करते हैं तो कांग्रेस उन्हें अयोग्य घोषित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष यानी स्पीकर को आवेदन देगी। ऐसे में उन्हें सियासी तौर पर ज्यादा दिक्कत हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, जैसे ही रावत के नाम का ऐलान मंत्री पद के लिए होगा, वैसे ही वे इस्तीफा दे देंगे। फिर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी श्योपुर से उन्हें ही उम्मीदवार बनाएगी।

निर्मला सीएम से क्यों मिलीं? चर्चा तेज...

गौरतलब है कि नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में बीजेपी ने 163 सीटें जीती थीं। इसके बाद लोकसभा चुनाव से ऐन पहले सूबे में जमकर सियासी तोड़फोड़ हुई। सबसे पहले अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह, फिर विजयपुर विधायक रामनिवास रावत और बीना विधायक निर्मला सप्रे ने बीजेपी का दामन थाम लिया। अभी रामनिवास रावत और निर्मला सप्रे ने इस्तीफा नहीं दिया है। एक दिन पहले निर्मला की भी मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से मुलाकात हुई है। माना जा रहा है कि उन्हें भी बीजेपी किसी न किसी रूप में उपकृत करेगी। उन्हें निगम मंडल में जगह दिए जाने की खबर है।

मध्यप्रदेश में बनाए जा सकते हैं 34 मंत्री 

230 सीटों वाली मध्यप्रदेश विधानसभा में अभी मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के साथ दो उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला हैं। वहीं, कुल 28 मंत्री हैं। भारतीय संविधान के 91वें संशोधन अधिनियम, 2003 के तहत देश के किसी भी राज्य में मंत्रिपरिषद् के सदस्यों की संख्या उस राज्य की विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15% से अधिक नहीं हो सकती है। लिहाजा, मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल में सीएम सहित कुल 34 मंत्री हो सकते हैं। मौजूदा परिदृश्य के हिसाब से देखें तो 3 पद खाली हैं। पिछली शिवराज सरकार में मंत्रिपरिषद में 31 मंत्री थे।

thesootr links

सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

एमपी बीजेपी, एमपी मिनिस्टर, ,

रामनिवास रावत Ramnivas Rawat विधायक रामनिवास रावत मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार