BHOPAL : प्रदेश के बजट में सरकार ने सिंहस्थ-28 के लिए खजाना खोल दिया है। विकसित भारत, विकसित मध्यप्रदेश की थीम पर पेश हुआ बजट इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंन्द्रित है। बजट में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के लिए भरपूर राशि मिली है। बजट में विभाग को 11 हजार 528 करोड़ का आवंटन मिला है। वहीं पूंजीगत मद में विभाग को बीते वित्त वर्ष में मिले 3 हजार 722 करोड़ के मुकाबले 5 हजार 217 करोड़ प्राप्त हुआ है।
सरकार बजट में दो नई योजनाएं लेकर आई है। एक योजना शहरों के विकास में जनभागीदारी तय करेगी। वहीं दूसरी में रोजगार की तलाश में आने वालों को रैनबसेरे और दीनदयाल रसोई को भी विस्तार देगी। यानी सरकार का बजट नगरीय विकास के साथ जनसुविधा के क्षेत्र में भी नई ऊंचाई देने वाला है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कहना है बजट लोककल्याणकारी है। उन्होंने विभाग को प्राथमिकता देने वाले बजट को पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और सीएम मोहन यादव की दूरदर्शिता बताया है।
जनता की भागीदारी से होगा शहरों का विकास
शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट में सरकार ने अब जनता की भागीदारी भी तय की है। इससे लोग इन विकास कार्यों से जुड़ेंगे और इसका असर गुणवत्तापूर्ण कामों के रूप में सामने आएगा। पहली योजना अधोसंरचना विकास में जनसहयोग की है। कॉलोनियों में सड़क, कनेक्टिंग रोड, सामुदायिक भवन, खेलकूद संबंधी गतिविधियों जैसे कामों में लोगों द्वारा 50 फीसदी खर्च उठाने पर शेष भार विभाग उठाएगा। दूसरी नई योजना वनों के विकास की है। शहरी क्षेत्रों में दो एकड़ से बड़े उद्यानों में वृक्षों का घनत्व बढ़ाने का काम होगा। यह योजना पर्यावरण संरक्षण के साथ सामाजिक सरोकार का संदेश देने वाली है। इससे शहरों को साफ हवा और प्रदूषणमुक्त वातावरण मिलेगा।
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तेज होंगी सिंहस्थ की तैयारियां
सिंहस्थ_2029 की तैयारी में जुटी प्रदेश सरकार ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग को उज्जैन में जनसुविधाएं बढ़ाने भी भरपूर बजट स्वीकृति दी है। विभाग को सिंहस्थ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए जरूरी सुविधाएं तैयार करने इस साल 500 करोड़ का बजट दिया गया है। वहीं दूसरी मदों से भी विभाग उज्जैन शहर और सिंहस्थ क्षेत्र में अधोसंरचना के विकास कार्यों को गति देगी। इससे सरकार सिंहस्थ से पहले ही तैयारी पूरी करने का लक्ष्य हासिल कर पाएगी।
नगरीय विकास विभाग केंद्र की अमृत योजना के तहत आने वाले तीन वर्षों में 12 सौ करोड़ खर्च करेगा। इसके लिए बजट में पहले साल के लिए 296 करोड़ का बजट दिया गया है। इस राशि से पेयजल की उपलब्धता के साधन बढ़ेंगे। वहीं स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत विभाग को चालू वित्त वर्ष के लिए 568 करोड़ का प्रावधान किया गया है। नगरीय निकाय इस राशि से कचरा और सीवरेज प्रबंधन के कामों को आगे बढ़ाएंगे। इससे स्वच्छ और स्वस्थ प्रदेश की परिकल्पना को भी बल मिलेगा।
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अग्निदुर्घटना नियंत्रण के लिए मिलेंगे नए साधन
सरकार अग्निदुर्घटनाओं से निपटने के लिए नगरीय निकायों को साधन संपन्न बनाने जा रही है। निकायों को 10 साल से पुराने अग्निशामक वाहनों को बदलने और आधुनिक साधन जुटाने 11 करोड़ उपलब्ध कराए हैं। विभाग को 15वे वित्त से 400 करोड़ अलग से मिले हैं। अभी छोटे निकायों के पास अग्निशामक यंत्रों की कमी है। ऐसे में हादसे होने पर उन्हें दूसरे निकायों की ओर देखना पड़ता है। लेकिन 411 करोड़ से निकायों को नए वाहन और उपकरण मिल पाएंगे।
नर्मदा में नहीं मिलेगा गंदा पानी
शहरी क्षेत्रों का गंदा पानी पवित्र नर्मदा नदी में न मिले इसके लिए सरकार ने नगरीय विकास विभाग को 5 करोड़ उपलब्ध कराए हैं। राशि नर्मदा नदी के किनारों पर बसे शहरों से दूषित पानी को नर्मदा नदी तक पहुंचने से रोकने पर खर्च होंगे। विभाग को एडीबी और केएफडब्लू बैंक से जलापूर्ति और सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए 718 करोड़ का बजट मिला है। इस बजट को नर्मदा तट और प्रदेश के दूसरे निकाय सीवरेज परियोजनाओं को पूरा करने में खर्च करेंगे। अभी तटीय शहरों के दूषित पानी को नर्मदा और दूसरी नदियों में मिलने से रोकना निकायों की चुनौती बना है।
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इंफ्रा डेव्लपमेंट पर खर्च होंगे ढाई करोड़
मास्टर प्लान में चिन्हित सड़कों के निर्माण के लिए सरकार ने 2 हजार करोड़ की स्वीकृति दी है। इसमें से पहले साल 250 करोड़ का आवंटन दिया गया है। वहीं बजट में विभाग को शहरी क्षेत्रों में नई सड़क और सामुदायिक भवन बनाने 200 करोड़ मिले हैं। जबकि कायाकल्प योजना के बीते साल के कामों को देखते हुए इस बार 400 करोड़ का बजट सड़कों की मरम्मत जैसे कामों के लिए दिया गया है। यानी इस वित्त वर्ष में शहरों में अधोसंरचना पर 850 करोड़ से ज्यादा खर्च किए जाएंगे।
बजट के साथ सिंहस्थ की तैयारी होगी तेज
साल 2028 में होने वाले उज्जैन सिंहस्थ की तैयारी तेज करने भी बजट में भरपूर राशि रखी गई है। सिंहस्थ के काम समय पर हों इसके लिए 15 विभाग मिलकर काम करेंगे और कार्ययोजना को स्वीकृति देगें। इस वित्त वर्ष में कार्ययोजना में शामिल कामों पर खर्च करने 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं सिंहस्थ के कामों गुणवत्ता के साथ पूरे हों इसके लिए सरकार एक्सपर्ट पैनल भी तैयार करेगी। ये तकनीकी एक्सपर्ट कार्ययोजना तैयार करने से लेकर कामों की निगरानी भी करेंगे। एक्सपर्ट की नियुक्ति के लिए विभाग को 5 करोड़ का आवंटन मिला है।
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6 शहरों में प्रदूषणमुक्त होगा पब्लिक ट्रांसपोर्ट
प्रदेश सरकार ने बजट में भविष्य के प्रदूषणमुक्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी ध्यान रखा है। बजट में विभाग को प्रदेश के 6 शहरों में ई-बस सेवा की तैयारी कर ली गई है। सरकार इसके लिए प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना से मिलने वाली 580 इलेक्ट्रिक बस नगरीय विकास विभाग को सौंपने जा रही है। ई-बसों के सड़क पर उतरने से इन शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के प्रदूषण की समस्या भी काफी हद तक कम हो जाएगी। बसों के संचालन के लिए डिपो और चार्जिंग स्टेशन भी तैयार होंगे।
स्मार्टसिटी-2.0 में संवरेंगे उज्जैन-जबलपुर
प्रदेश के दो शहर उज्जैन और जबलपुर शहरों में इस साल में स्मार्टसिटी 2.0 के तहत होने वाले विकास कार्यों के लिए 270 करोड़ का बजट रखा गया है। इसके लिए नई मद भी विभाग द्वारा बनाई गई हैं। वहीं शहरी क्षेत्र में रोजगार की तलाश में आने वाले मजदूरों के लिए रैनबसेरे और दीनदयाल रसोई को भी बजट से विस्तार मिलेगा। मजदूर वर्ग को दीनदयाल रसोई में अब 10 रुपए में मिलने वाला भोजन केवल 5 रुपए में उपलब्ध होगा। इसके लिए सरकार ने 20 करोड़ का प्रावधान किया है।
बजट से मिलेगी मेट्रो प्रोजेक्ट को रफ्तार
प्रदेश सरकार ने बजट में इंदौर -भोपाल में चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट की गति बढ़ाने 1160 करोड़ का आवंटन किया है। इस भारी भरकम बजट से मेट्रो प्रोजेक्ट की धीमी चाल और गतिमान होगी और प्रोजेक्ट जल्द पूरे होने से प्रदेश के लोग इसके सफर का आनंद ले पाएंगे।