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Photograph: (the sootr)
BHOPAL. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नए साल के साथ ही संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की रणनीति तैयार कर ली है। 1 जनवरी से भोपाल सहित पूरे प्रदेश में घर चलो-गांव चलो-बूथ चलो अभियान की शुरुआत की जा रही है।
प्रदेशभर में डेढ़ महीने तक चलेगा अभियान
यह अभियान 1 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान कांग्रेस का लक्ष्य है कि हर विधानसभा, हर गांव और हर बूथ तक सीधी पहुंच बनाई जाए और कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जाए।
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प्रभारी सचिव रहेंगे मैदान में डटे
अभियान को प्रभावी बनाने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए नियुक्त प्रभारी सचिव अपने-अपने प्रभार वाले क्षेत्र में ही डेढ़ महीने तक मौजूद रहेंगे।
विधानसभा प्रभारी भी नहीं छोड़ेंगे क्षेत्र
सिर्फ प्रभारी सचिव ही नहीं, बल्कि हर विधानसभा क्षेत्र के लिए नियुक्त प्रभारी भी इस अवधि में अपने क्षेत्र से बाहर नहीं जाएंगे। पूरे अभियान की निगरानी इन्हीं प्रभारी सचिवों और विधानसभा प्रभारियों के हाथ में होगी।
मतदाता सूची पर भी रहेगी नजर
इस अभियान का खाका हाल ही में हुई मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विस्तृत बैठक में तैयार किया गया। बैठक में संगठन को दोबारा सक्रिय और मजबूत बनाने पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बताया कि इस अभियान के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता हर घर तक दस्तक देंगे।
पटवारी ने कहा कि उद्देश्य सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि लोगों से सीधा संवाद स्थापित करना है। अभियान के दौरान मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्य की भी समीक्षा की जाएगी। कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी मतदाता का नाम गलत तरीके से न हटे और नए मतदाताओं को जोड़ा जाए।
ग्राम पंचायत और वार्ड कमेटियों का गठन
इस दौरान संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने पर भी खास फोकस रहेगा। ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर कांग्रेस कमेटियों के गठन की प्रक्रिया इसी अभियान के तहत शुरू की जाएगी। कांग्रेस की इस डेढ़ महीने की कार्ययोजना का लक्ष्य है कि पार्टी का आधार हर गांव और हर मोहल्ले तक मजबूत किया जाए। मैदानी स्तर पर सक्रियता बढ़ाकर संगठन को दोबारा खड़ा करने की कोशिश की जा रही है।
पहले से तैयार थी प्रभारी व्यवस्था
इस अभियान से पहले ही कांग्रेस ने प्रदेश की हर विधानसभा के लिए अलग-अलग प्रभारी नियुक्त कर दिए थे। साथ ही, हर दो संभागों के लिए एक प्रभारी सचिव भी तय किया गया है।
प्रभारी सचिव और विधानसभा प्रभारी संभालेंगे कमान
अब पूरे अभियान का संचालन प्रभारी सचिवों और विधानसभा प्रभारियों की सीधी देखरेख में होगा। कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि लगातार मैदान में मौजूद रहकर ही संगठन को मजबूती दी जा सकती है।
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संगठन को जमीन से जोड़ने की कोशिश
“घर चलो-गांव चलो-बूथ चलो” अभियान कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके जरिए पार्टी खुद को दोबारा जमीनी राजनीति से जोड़ना चाहती है। आने वाले डेढ़ महीने कांग्रेस के लिए संगठनात्मक तौर पर बेहद अहम माने जा रहे हैं।
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