BHOPAL. चुनावों में लगातार हार मिलने से लड़खड़ाई कांग्रेस अब मध्य प्रदेश में अपने संगठन को फिर से मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी संगठन का ढांचा दुरुस्त करने में लगे हुए हैं। अब जीतू पटवारी के नेतृत्व में पार्टी नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति करने, मोहल्ला और पंचायत स्तर पर कमेटियों का गठन करने के साथ-साथ कई अन्य बदलाव करने की योजना बना रही है। ये बदलाव दो महीनों में किए जाएंगे, और पार्टी का मुख्य उद्देश्य अब संगठन को मैरिट के आधार पर सशक्त बनाना है।
संगठन में बड़े बदलाव तैयारी
कांग्रेस पार्टी ने मध्यप्रदेश में अपने संगठन को फिर से खड़ा करने के लिए बड़े बदलाव की योजना बनाई है। पार्टी के पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी अब संगठन की मजबूती पर ध्यान दे रहे हैं। कांग्रेस को फिर खड़ा करने में जुटे जीतू पटवारी के सामने कई बड़ी चुनौती भी है। पिछले चुनावों में लगातार हार का सामना करने के बाद कांग्रेस ने अब पार्टी के ढांचे में बदलाव करने का फैसला लिया है।
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भाई-भतीजावाद को अब महत्व नहीं
पार्टी को पुराने ढर्रे से उबारने कांग्रेस अब नई रणनीति के तहत काम कर रही है। नए बदलावों में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पार्टी में भाई-भतीजावाद और पट्ठावाद को खत्म कर, नए जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों की नियुक्ति मैरिट के आधार पर करने की तैयारी में है। यह बदलाव दो महीने के भीतर पूरे प्रदेश में लागू किए जाएंगे। प्रदेश के विभिन्न जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी और पंचायत व मोहल्ला स्तर पर नई कमेटियों का गठन किया जाएगा।
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कांग्रेस का संगठन संघर्ष पर्व
कांग्रेस ने इस साल को 'संगठन संघर्ष पर्व' के रूप में मनाने का फैसला लिया है। हाल ही में इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी और पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने उज्जैन में कार्यकर्ता सम्मेलन किया था। इसके अंतर्गत कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किए गए, जिसमें जिलाध्यक्ष कमल पटेल ने कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि अगर उन्हें फिर से मौका मिलता है तो वह 20 घंटे काम करेंगे, और अगर किसी अन्य कार्यकर्ता को मौका मिलता है तो वह 22 घंटे काम करेंगे।
संगठन को मजबूत करने नई रणनीति
कांग्रेस पार्टी ने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए एक नई रणनीति अपनाई है, जिसका उद्देश्य पार्टी को बूथ और ब्लॉक स्तर पर अधिक प्रभावी बनाना है। संगठन संघर्ष पर्व के तहत मोहल्ला और पंचायत स्तर पर 25-25 सदस्यीय कमेटियों का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही समय-समय पर इन कमेटियों की ट्रेनिंग भी होगी। मोहल्ला, पंचायत, मंडलम, ब्लॉक कमेटी की ट्रेनिंग होगी। यह पहल पार्टी में पुराने और अनुभवी नेताओं के अनुभव का लाभ लेने के साथ-साथ युवाओं को भी आगे बढ़ाने की कोशिश करेगी।
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दो महीने में किए जाएंगे बदलाव
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद पर कई बदलाव देखने को मिलेंगे, जिनमें नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति और कार्यकारिणी का पुनर्गठन शामिल है। इन बदलावों का लक्ष्य पार्टी को और अधिक सशक्त बनाना है। दो महीने के भीतर ये बदलाव किए जाएंगे, जिनमें मोहल्ला और पंचायत कमेटियों का गठन, मंडलम, ब्लॉक और जिला स्तर पर नई नियुक्तियों की संभावना है। उज्जैन जिले में भी जिलाध्यक्ष पद पर बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। कांग्रेस ने दावा किया है कि सभी नई नियुक्तियां भाई-भतीजावाद के बजाय मैरिट के आधार पर की जाएंगी।
पॉलिटिकल अफेयर कमेटी का गठन करेगी कांग्रेस
इस बदलाव में कांग्रेस जिलास्तर पर पार्टी को और मजबूत करने के लिए पीएसी (पॉलिटिकल अफेयर कमेटी) का गठन करेगी, जो जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में काम करेगी। पीएसी में मोर्चा और संगठन के पदाधिकारी तथा वरिष्ठ नेता शामिल होंगे, जिनके पास अधिक शक्तियां होंगी। पार्टी के जिला प्रभारी अमित शर्मा ने कहा कि इस पहल से कांग्रेस को और मजबूती मिलेगी और पार्टी के संगठन को एक नई दिशा मिलेगी।
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5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅ कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश में संगठन संघर्ष पर्व के तहत बूथ और ब्लॉक स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की तैयारी कर रही है।
✅ मोहल्ला और पंचायत कमेटियों का गठन जल्द ही किया जाएगा, जिसमें 25-25 सदस्य होंगे।
✅ कांग्रेस नई नियुक्तियां मैरिट के आधार पर करेगी और पार्टी में भाई-भतीजावाद को नकारेगी।
✅ दो महीने में पार्टी में कई बदलाव देखने को मिलेंगे, जिनमें जिलाध्यक्ष पद पर बदलाव की संभावना है।
✅ कांग्रेस जिलास्तर पर पीएसी का गठन करेगी, जिसमें वरिष्ठ नेता और मोर्चा पदाधिकारी शामिल होंगे।