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केंद्र में CPI का बेस ईयर 2016 है, वहीं मध्य प्रदेश में अभी भी 2001 का बेस ईयर लागू है। श्रमिक संगठन लंबे समय से CPI आधार वर्ष में बदलाव की मांग कर रहे हैं। सरकार ने न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड (Minimum Wage Advisory Board) का गठन किया है, जिससे बदलाव की उम्मीद बढ़ी है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में दैनिक वेतन भोगी (Daily Wage Workers) कर्मचारियों का वेतन हाल ही में बढ़ाया गया है, लेकिन यह अब भी केंद्र सरकार के समान श्रेणी के कर्मचारियों की तुलना में 9 हजार से12 हजार रुपए तक कम है।
CPI का पुराना आधार वर्ष मुख्य कारण
राज्य सरकार द्वारा मजदूरी निर्धारण का आधार 15 साल पुराना उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI - Consumer Price Index) है।
- केंद्र सरकार में यह आधार वर्ष 2016 है, जबकि मध्य प्रदेश में 2001 का CPI आधार वर्ष अभी भी लागू है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, मप्र के चारों वेतन श्रेणियों में केंद्र के मुकाबले ₹9351 से ₹12082 तक कम वेतन मिल रहा है।
- श्रमिक संगठन लगातार CPI का आधार वर्ष केंद्र सरकार के समान करने की मांग कर रहे हैं।
यह सारणी वर्ष 2001 और 2016 के आंकड़ों के आधार पर विभिन्न श्रेणियों के वेतन अंतर को दिखाती है।
श्रेणी | वर्ष 2001 (रु.) | वर्ष 2016 (रु.) | अंतर (रु.) |
---|---|---|---|
अकुशल | 10,175 | 19,526 | 9,351 |
अर्ध कुशल | 11,032 | 21,632 | 10,600 |
कुशल | 12,410 | 23,790 | 11,380 |
उच्च कुशल | 13,710 | 25,792 | 12,082 |
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क्या है उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI)?
- भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश मंत्री राजन नायर बताते हैं कि CPI एक महत्वपूर्ण आर्थिक पैमाना है।
- यह खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) को मापने के लिए उपयोग किया जाता है।
- इसमें खपत की जाने वाली 299 वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों का डेटा एकत्र किया जाता है।
- यह अर्थव्यवस्था में मुद्रा की क्रय शक्ति (Purchasing Power of Currency) को मापने में मदद करता है।
वेतन विसंगति को सुधारने के प्रयास
मध्य प्रदेश सरकार ने 6 महीने पहले न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड (Minimum Wage Advisory Board) का गठन किया है, जिसमें श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
- इस बोर्ड में भारतीय मजदूर संघ (Bharatiya Mazdoor Sangh - BMS) को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है।
- इससे उम्मीद जताई जा रही है कि CPI का आधार वर्ष 2001 से 2016 में बदला जा सकता है।
- यदि ऐसा हुआ तो मप्र के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को वेतन में बढ़ोतरी मिल सकती है।
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वेतन विसंगति के प्रभाव
केंद्र सरकार के दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की तुलना में मप्र के कर्मचारी ₹9351 से ₹12082 कम कमा रहे हैं।
इसका सीधा असर मध्य प्रदेश के मजदूरों, फैक्ट्री वर्कर्स, निर्माण कार्यों में लगे कर्मचारियों पर पड़ रहा है।
महंगाई को देखते हुए यह वेतन अंतर काफी बड़ा है, जिससे मजदूरों का जीवन स्तर प्रभावित हो रहा है।
क्या आगे बदलाव संभव है?
- श्रमिक संगठन लगातार CPI के आधार वर्ष में बदलाव की मांग कर रहे हैं।
- यदि सरकार 2001 से 2016 के CPI बेस ईयर पर शिफ्ट करती है, तो वेतन में सुधार संभव होगा।
- हालांकि, यह बदलाव कब होगा, इस पर अभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
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