मध्यप्रदेश के 21 लाख श्रमिकों को न्यूनतम वेतन में 1625 से 2434 रुपए तक की वृद्धि दी गई है, जो मार्च 2025 से लागू होगी। इस वृद्धि का आदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद जारी किया गया। हालांकि, यह साफ नहीं है कि 11 महीने का एरियर मिलेगा या नहीं, लेकिन श्रमिक संगठनों का मानना है कि उन्हें अप्रैल 2024 से बढ़ा वेतन मिलेगा। जानिए इस फैसले के बारे में पूरी जानकारी।
1625 से लेकर 2434 रुपए तक की वृद्धि की घोषणा
मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के 21 लाख श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में 1625 से लेकर 2434 रुपए तक की वृद्धि की घोषणा की है। यह आदेश हाईकोर्ट के इंदौर खंडपीठ के फैसले के बाद जारी किया गया है, जिसमें राज्य सरकार को आदेश दिया गया था कि टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों के श्रमिकों का वेतन अलग से तय किया जाए। इस वृद्धि का लाभ मार्च 2025 से शुरू होगा, हालांकि एरियर के बारे में स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है।
हाईकोर्ट का आदेश और याचिका खारिज
10 फरवरी को हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया था, जिसमें मध्य प्रदेश टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन की वेतनवृद्धि की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि टेक्सटाइल और अन्य संबंधित उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए अलग से वेतन तय किया जाए।
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वेतन वृद्धि की शुरुआत
यह वेतन वृद्धि नवंबर 2019 में न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड द्वारा की गई 25% वृद्धि की अनुशंसा के आधार पर की गई है। यह वृद्धि 1 अप्रैल 2024 से लागू होनी थी, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद अब यह मार्च 2025 से प्रभावी होगी। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि एरियर (बकाया राशि) की भुगतान कब होगा।
महंगाई भत्ते में भी बढ़ोतरी
यह वृद्धि मूल वेतन पर की गई है, जिससे महंगाई भत्ते में भी बढ़ोतरी होगी। महंगाई भत्ते की राशि मूल वेतन के आधार पर बढ़ेगी, जिससे श्रमिकों को और अधिक लाभ मिलेगा।
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सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) की आपत्ति
हालांकि, कुछ श्रमिक नेताओं और संगठनों ने सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई है, क्योंकि कुछ उद्योगों के श्रमिकों को वेतनवृद्धि की अधिसूचना से अलग कर दिया गया है। ये उद्योग टेक्सटाइल और टेक्निकल टेक्सटाइल से जुड़े हैं, और उनके श्रमिकों को वेतन वृद्धि से बाहर रखा गया है।