भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष अधिकारियों पर भड़कीं, बोलीं- ...ऐसे आरक्षण का क्या फायदा

रीवा की भाजपा समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह आरक्षण खत्म करने की बात कहती नजर आ रही हैं। उन्होंने अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि "ऐसे आरक्षण का क्या फायदा?" 

author-image
Jitendra Shrivastava
New Update
thesootr

rewa-panchayat-reservation Photograph: (thesootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

रीवा में भाजपा समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल का विवादित बयान सामने आया है। एक वायरल वीडियो में वह आरक्षण व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इसे खत्म करने की बात कह रही हैं। यह मामला तब सामने आया जब एक महिला सरपंच अपनी पंचायत के सचिव के खिलाफ शिकायत लेकर उनके पास पहुंची। इस दौरान उन्होंने प्रशासन और अधिकारियों पर भी नाराजगी जाहिर की और कहा कि प्रशासन मजबूर है तो ऐसे आरक्षण का कोई लाभ नहीं। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।

रीवा जिले में पंचायत से जुड़े मुद्दों को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। हाल ही में जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी जताते हुए आरक्षण खत्म करने की बात कह रही हैं।  

ये खबरें भी पढ़ें...

सीएम मोहन की बड़ी घोषणा, बोले- आगे 2700 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं खरीदेगी सरकार

'अफसरी' का गुस्सा मैडम को पड़ा भारी, ग्रामीणों ने बनाया बंधक, तहसीलदार ने छुड़ाया

महिला सरपंच की शिकायत पर भड़कीं जिपं अध्यक्ष  

दरअसल, नई गढ़ी के पिपरा ग्राम पंचायत की महिला सरपंच अनीता कोल अपनी पंचायत में सचिव अनंत सिंह के खिलाफ शिकायत लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष के पास पहुंची थीं। उनका आरोप था कि सचिव ने बिना सरपंच की जानकारी के, अपने मेल से डीएससी (डिजिटल सिग्नेचर) का उपयोग करके 3 लाख से अधिक का भुगतान कर दिया।  
जब सरपंच ने इसकी शिकायत की तो किसी ने सुनवाई नहीं की, जिसके बाद वह जिला पंचायत कार्यालय पहुंची। यहां जिला पंचायत अध्यक्ष ने उनकी समस्या सुनी और कहा कि मैं डायरेक्ट सचिव को नहीं हटा सकती, यह काम सीईओ का है। जब सीईओ आदेश नहीं दे रहा, प्रशासन मजबूर है, तो फिर आरक्षण का क्या फायदा।

आरक्षण पर बयान ने बढ़ाया विवाद

नीता कोल ने महिला सरपंच को सुझाव दिया कि अगर प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा, तो उन्हें जिला पंचायत के बाहर धरना देना चाहिए। उन्होंने सीईओ मेहताब सिंह गुर्जर को भी इस मामले में कसूरवार ठहराया और कहा कि जब प्रशासन ही काम नहीं कर रहा, तो ऐसे आरक्षण और चुनाव का क्या मतलब?  इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। जहां कुछ लोग इसे साहसिक बयान कह रहे हैं, वहीं कई लोगों ने इसे संविधान विरोधी करार दिया है।

ये खबरें भी पढ़ें...

राम रहीम की बार-बार पैरोल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, जानें क्या कहा

पीथमपुर में यूका कचरा जलना हुआ शुरू, इस लाइव लिंक पर देखें कितना हुआ प्रदूषण

जिला पंचायत सीईओ की नहीं आई प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले पर अभी तक जिला पंचायत सीईओ मेहताब सिंह गुर्जर की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। जानकारी के अनुसार, उन्होंने 15 दिन पहले ही प्रभार संभाला है। इससे पहले अपर कलेक्टर इस पद का अतिरिक्त प्रभार देख रहे थे।

रीवा जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल आरक्षण