मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में एक महिला माइनिंग अधिकारी को उनके पावर का रौब दिखाने पर ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। यह घटना खुशबू वर्मा, माइनिंग अधिकारी के साथ हुई, जब वह काछी गांव में कार्रवाई करने पहुंची थीं। हालांकि, सूचना के बाद तहसीलदार ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर माइनिंग अधिकारी को उनके कब्जे से मुक्त कराया। पूरे मामले को सुलझाने के बाद तहसीलदार ने माइनिंग अधिकारी को गांव से सुरक्षित अपने साथ वापस ले आए।
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काछी गांव में पनडुब्बी की कार्रवाई
खुशबू वर्मा को सूचना मिली थी कि छिदगांव स्थित काछी गांव के खेत में एक पनडुब्बी खड़ी हुई है। यह पनडुब्बी अवैध खनन से जुड़ी हो सकती थी। सूचना मिलने के बाद, खुशबू वर्मा ने अपने अमले के साथ मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की। लेकिन जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, गांव के ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और खुशबू वर्मा को घेर लिया।
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ग्रामीणों ने माइनिंग अधिकारी को बंधक बनाया
ग्रामीणों का आरोप था कि खनिज विभाग की टीम पक्षपाती कार्रवाई कर रही है और सिर्फ दिखावे के लिए काम कर रही है। इसके कारण, उन्होंने माइनिंग अधिकारी को घेर लिया और बंधक बना लिया। तहसीलदार को जैसे ही यह जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत गांव पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया और शांत किया।
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ग्रामीणों के आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि खनिज विभाग की टीम अवैध रेत खनन करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि वह केवल खेतों में रखी एक नाव (पनडुब्बी) को जब्त कर रही है। उनका दावा है कि यह नाव पिछले छह महीने से खेत में रखी हुई थी और इसका अवैध रेत खनन से कोई संबंध नहीं था।
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प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
इस घटना के बाद, प्रशासनिक स्तर पर खनिज विभाग की कार्रवाई और पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग केवल कुछ खास लोगों के खिलाफ कार्रवाई करता है, जबकि अन्य अवैध गतिविधियां जारी रहती हैं।