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MP News : मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ( EOW raid ) ने सरकारी शिक्षक अभिमन्यु सिंह के तीन ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। टीम को आय से कई गुना ज्यादा, करीब 4.36 करोड़ की संदिग्ध संपत्ति मिली। मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया गया।
5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला
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MP के सीधी में तड़के शुरू हुई बड़ी कार्रवाई
शुक्रवार तड़के सीधी शहर में हालात अचानक बदल गए। सुबह करीब पांच बजे EOW रीवा की टीम तीन अलग ठिकानों की ओर एक साथ बढ़ी। इन ठिकानों में पटेल पुल के पास का घर और मड़वास में बने दो मकान शामिल थे।
स्थानीय लोगों को कुछ देर तक समझ ही नहीं आया कि मामला इतना संवेदनशील क्यों है। धीरे-धीरे खबर फैली कि जिस घर पर दबिश पड़ी, वह एक सरकारी शिक्षक (Government Teacher) का है। नाम सामने आया अभिमन्यु सिंह, जो कुसमी विकासखंड के शासकीय हाई स्कूल खोखरा में पदस्थ हैं।
कौन हैं अभिमन्यु सिंह, जिन पर EOW की नजर पड़ी
अभिमन्यु सिंह लंबे समय से एमपी शिक्षा विभाग में पदस्थ बताए जाते हैं। स्कूल में उनकी पोस्टिंग सामान्य थी, लेकिन जीवनशैली को लेकर कई तरह की चर्चाएं उठती रहीं।
शिकायत में आरोप है कि सरकारी सेवा के दौरान उन्होंने बेनाम और अपने नाम पर संपत्ति जोड़ी। इसी आधार पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने प्राथमिक जांच शुरू की थी।
आय से अधिक संपत्ति का पूरा गणित
EOW की शुरुआती गणना 1998 से लेकर फरवरी 2025 तक की सेवा अवधि पर आधारित थी। इस दौरान शिक्षक की वैध वेतन और स्वीकृत आमदनी जोड़ने पर करीब 57.28 लाख रुपए का आंकड़ा सामने आता है। लेकिन जब छापे मारे गए और कागजों की जांच की गई, तो टीम को करीब 4.36 करोड़ रुपए की संपत्ति के बारे में जानकारी मिली।
यानी अनुमानित वैध आय के मुकाबले बहुत ज्यादा संपत्ति मिली। इस बड़े अंतर के कारण मामला आय से अधिक संपत्ति का बन गया। इसी वजह से टीम ने तुरंत कई धाराओं के तहत केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
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कैसे बनाया गया फर्जी बिलों का जाल
FIR के अनुसार आरोप सिर्फ अधिक संपत्ति तक सीमित नहीं हैं। शिकायत में कहा गया कि शिक्षक ने पद का दुरुपयोग कर सरकारी धन के गबन की राह निकाली।
आरोप है कि विभिन्न योजनाओं और स्कूल से जुड़े निर्माण कार्यों में फर्जी बिल लगाए गए। स्टेशनरी, फर्नीचर, खेल सामग्री, छात्रवृत्ति और छात्रावास मदों में भी अनियमित भुगतान का जिक्र है।
दस्तावेजों में कथित रूप से दोहरी पर्चियां और जरूरत से ज्यादा स्वीकृत राशि के उदाहरण दर्ज हैं। इन्हीं प्रक्रियाओं के जरिए लाखों से बढ़कर करोड़ों रुपए निकलने का दावा किया गया है।
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EOW की टीम ने किन-किन चीजों पर फोकस किया
छापेमारी के दौरान टीम ने घरों में रखे दस्तावेजों की बारीकी से जांच शुरू की। भूमि रजिस्ट्रियों, बैंक खातों के स्टेटमेंट, निवेश कागज और प्रॉपर्टी से जुड़े कागज तलाशे गए। इसके साथ ही लॉकर, नकदी और कीमती सामान की भी जानकारी जुटाई जा रही है।
कई दस्तावेज, बैंक डिटेल और जमीन से जुड़े रिकॉर्ड जब्त करने की पुष्टि हुई है। फिलहाल अधिकारी हर कागज की मिलान वैध आय और घोषित संपत्ति से कर रहे हैं। इसी क्रॉस चेक से आगे की कानूनी धाराएं और कार्रवाई तय होगी।
भोपाल में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद अगला कदम भोपाल में उठाया गया। आर्थिक अपराध शाखा में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। यह केस शिक्षक की आय, खर्च और संपत्ति के अंतर पर आधारित है।
साथ ही कथित गबन और फर्जी भुगतान को भी केस का हिस्सा बनाया गया है। कानूनी रूप से यह प्रक्रिया आगे चलकर गिरफ्तारी, कुर्की या संपत्ति सीलिंग तक जा सकती है। हालांकि हर अगला कदम साक्ष्य और अदालत की मंजूरी पर निर्भर रहेगा।
क्या कह रही है EOW, अफसरों का आधिकारिक पक्ष
रीवा EOW के टीआई हरीश कुमार त्रिपाठी ने छापे की पुष्टि की है। उनके अनुसार शिकायत भोपाल स्थित आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज कराई गई थी। शिकायत पर FIR दर्ज होने के बाद टीम को सीधी भेजा गया।
योजना के मुताबिक सुबह-सुबह एक साथ कई ठिकानों पर दबिश दी गई। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल कार्रवाई जारी है और सभी ठिकानों की तलाशी पूरी नहीं हुई है। जांच पूरी होने के बाद ही संपत्ति और जब्ती का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक किया जाएगा।
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शहर में चर्चा, सिस्टम पर भी सवाल
सरकारी शिक्षक (mp government teachers) के घर पर इस स्तर की कार्रवाई ने शहर (sidhi news) में हलचल बढ़ा दी है। लोगों के बीच चर्चा है कि अगर एक शिक्षक पर ऐसे आरोप हैं, तो और कितने मामले दबे होंगे। सवाल यह भी उठ रहा है कि इतने वर्षों तक यह सब बिना रोक-टोक कैसे चलता रहा।
निगरानी तंत्र, ऑडिट और विभागीय जांच की प्रभावशीलता पर भी बहस छिड़ी है। फिलहाल हर नजर EOW के अगले प्रेस नोट और कोर्ट की कार्रवाई पर टिकी है। क्योंकि वहीं से पता चलेगा कि यह मामला कहां तक जाता है और सिस्टम क्या सबक लेता है।
पाठकों के लिए जरूरी नोट
यह खबर उपलब्ध आधिकारिक जानकारी, FIR विवरण और EOW अधिकारियों के बयानों पर आधारित है। अदालत में सुनवाई और आगे की जांच के बाद कई तथ्य बदल भी सकते हैं। अभिमन्यु सिंह के खिलाफ आरोप न्यायिक प्रक्रिया में विचाराधीन हैं। अंतिम निष्कर्ष अदालत के आदेश और जांच एजेंसी की आधिकारिक रिपोर्ट से ही तय होंगे।
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