मैदानी अफसरों को फोन लगाना हुआ मुश्किल, सरकारी सीयूजी नंबरों में बड़ा बदलाव शुरू

अगर सरकारी सीयूजी नंबर पर कॉल नॉट रीचेबल आ रहा है, तो यह तकनीकी गड़बड़ी नहीं है। जियो का पुराना ठेका खत्म होने के बाद राजस्व विभाग ने नई कंपनियों से सेवाएं ली हैं, जिसमें वोडाफोन आइडिया भी शामिल है।

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Ravi Awasthi
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Photograph: (The Sootr)

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BHOPAL. मैदानी अफसरों के सरकारी सीयूजी नंबर इन दिनों लगातार नॉट रीचेबल मिल रहे हैं। वजह तकनीकी नहीं, बल्कि यह सरकारी मोबाइल सेवाओं के बड़े बदलाव की शुरुआत है। इन दिनों कई अफसरों के सरकारी नंबर नॉट रीचेबल मिल रहे हैं।

पुराना ठेका खत्म, नई कंपनियां मैदान में

सूत्रों के मुताबिक, यह किसी तकनीकी खराबी के कारण नहीं हो रहा,​बल्कि सरकारी मोबाइल सेवा में बड़ा बदलाव शुरू हो गया है। जियो का पुराना ठेका अब समाप्त हो चुका है। नई सेवाओं के लिए विभाग ने निविदाएं आमंत्रित की हैं। इस बार वोडाफोन आइडिया भी प्रतिस्पर्धा में शामिल हुआ है।

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अस्थायी कम्युनिकेशन ब्लैकआउट की स्थिति

इसका सीधा मतलब, अफसरों और कर्मचारियों के पुराने सीयूजी नंबर बदलने तय हैं। नए सर्विस प्रोवाइडर के फाइनल होते ही पूरी लिस्ट बदले हुए नंबरों के साथ सार्वजनिक की जाएगी। तब तक आमजन और अफसरों के बीच कुछ दिनों की कम्युनिकेशन ब्लैकआउट जैसा हाल बना रहेगा। यानी, अगली बार जब आप सीयूजी पर कॉल करें और बात न हो पाए, तो समझिए सरकारी मोबाइल नंबरों की नई पीढ़ी आने वाली है।

नंबर बदलने तक रहेगा संपर्क का गैप

दरअसल, सरकारी सीयूजी नंबरों की सीरीज पूरी तरह सेवा प्रदाता कंपनी (टेलीकॉम ऑपरेटर) के आधार पर जारी होती है। कंपनी बदलते ही नंबर भी बदलना अनिवार्य हो जाता है। यानी यह सिर्फ नेटवर्क बदलना नहीं, बल्कि पूरी मोबाइल पहचान बदलना है।

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राजस्व में ही 30 हजार से अधिक नंबर होंगे प्रभावित

राजस्व​ विभाग (revenue department) में ही 30 हजार से अधिक अधिकारियों, कर्मचारियों को सीयूजी नंबर आवंटित हैं। इनमें संभागायुक्त से लेकर पटवारी तक शामिल हैं। दरअसल, ज्यादातर लोगों का वास्ता राजस्व से जुड़े अमले से ही होता है। इनमें कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसएलआर, पटवारी आदि संवर्ग के अधिकारी, कर्मचारी शामिल हैं। लोक सेवा के तहत सरकार ने इन सभी के संपर्क नंबर भी सार्वजनिक किए गए।

कब और कैसे मिलेंगे नए नंबर ?

इस बार दो कंपनियों के मैदान में होने से नंबर बदले हुए होंगे। सूत्रों के मुताबिक, दोनों कंपनियों को अलग-अलग क्षेत्र आवंटित किए जाएंगे। ऐसे में संभव है कि क्षेत्रवार नंबरों की प्रारंभिक सी​रीज भी बदली हुई हो। निविदा प्रक्रिया पूरी होते ही चुनी गई कंपनी विभाग को नंबर-सीरीज सौंपेगी। इसके बाद विभाग उस लिस्ट को सभी दफ्तरों को भेजेगा। इसके बाद नए सीयूजी नंबर सार्वजनिक किए जाएंगे।

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यह नियमित प्रक्रिया, जल्द होगा जारी अपडेट: आयुक्त

इस संबंध में राजस्व आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ने कहा कि यह रूटीन प्रक्रिया है। पुरानी कंपनी की सेवा अवधि पूरी होने पर नए सिरे से निविदा बुलाई गईं। दो कंपनियों का चयन भी हो चुका है। जल्द ही बदले हुए नए नंबर सार्वजनिक किए जाएंगे। पुराने नंबर अब भी चालू हैं।

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