नोटिस के बावजूद पूर्व आईएएस, आईपीएस का सरकारी बंगलों पर कब्जा, अब नया एक्शन लेने जा रही सरकार

मध्यप्रदेश में पूर्व आईएएस और आईपीएस अधिकारी नोटिस के बाद भी सरकारी बंगले खाली नहीं कर रहे हैं। इसको लेकर एमपी सरकार एक नया एक्शन प्लान लेकर आई है। आइए जानते हैं सरकार के एक्शन प्लान के बारे में विस्तार से...

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Amresh Kushwaha
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MP Former IAS IPS officers occupy government bungalow despite notice
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BHOPAL. मध्यप्रदेश में कई पूर्व आईएएस, आईपीएस ऐसे हैं जिनका सरकारी बंगलों का मोह नहीं छूट रहा। नोटिस के बावजूद ये अधिकारी सरकारी बंगले को खाली नहीं कर रहे हैं।

यह नोटिस 19 अगस्त 2025 को एमपी गृह विभाग के अधीन आने वाले संपदा संचालनालय भोपाल (Estate Directorate) ने जारी किया था। मोहन सरकार अब इन अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की योजना बना रही है। आइए जानते हैं सरकार के नए एक्शन प्लान के बारे में विस्तार से...

आवास पर कब्जा करने वाले अधिकारियों का नाम

गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार, कई आईपीएस (IPS) और आईएएस (IAS) अधिकारियों ने आवासों को खाली कर दिया। इनमें पूर्व आईपीएस अधिकारी सुधीर सक्सेना, आईएएस अफसर धरणेंद्र जैन, एमएल चौरसिया, पूर्व आईएएस अधिकारी अजीत केसरी और अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल हैं। वहीं, कुछ अधिकारियों ने अब तक सरकारी बंगले पर कब्जा बनाए रखा है।

इनमें प्रमुख नामों में अमित सांघी, अदिति गर्ग, उमाकांत चौधरी, सुधीर कुमार शाही, मेहताब गुर्जर, रत्नाकर झा, सुधीर कोचर, महीप तेजस्वी, निधि सिंह और अन्य अधिकारी शामिल हैं। खासकर, प्रदीप शुक्ला को सेवा में एक साल का एक्सटेंशन मिलने के बाद वही आवास जारी रहेगा।

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नई किराया व्यवस्था का प्रस्ताव

अब तक सरकारी आवासों के किराए बेहद सस्ते थे, लेकिन अब इस व्यवस्था में बदलाव होने जा रहा है। उदाहरण के तौर पर, जी टाइप आवास का किराया 600 रुपए से बढ़ाकर 18 हजार रुपए तक किया जा सकता है।

इस नई व्यवस्था के तहत, किराया 10 से 30 गुना तक बढ़ाया जाएगा। यह संशोधन सरकारी संपत्ति की अनावश्यक कब्जे को समाप्त करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

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2000 नए मकानों का किया आवंटन

संपदा संचालनालय ने पिछले चार महीनों में 2000 नए जी-टाइप मकानों का आवंटन किया है। यह सभी मकान भोपाल के न्यू मार्केट के पास हैं। यहां सीनियरिटी के आधार पर आवंटन किया जा रहा है।

हालांकि, उच्च स्तर के बी टाइप से लेकर एफ टाइप सरकारी आवास में यह नई व्यवस्था अभी लागू नहीं की गई है।

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पेनाल्टी के साथ होगी दंडात्मक कार्रवाई

आवंटन नियमों में किए गए संशोधन के अनुसार, यदि कोई अधिकारी सरकारी आवास नहीं खाली करता है तो उसे पहले 10 गुना किराया भरना होगा। यदि फिर भी आवास खाली नहीं किया गया तो 30 गुना किराया चुकाना पड़ेगा। इसके साथ दंडनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।

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