BHOPAL. भाजपा के पूर्व मंत्री कमल पटेल ( Kamal Patel ) की पत्नी और बेटे के नाम से रजिस्टर्ड फ्रेंड्स वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी ( Registered Friends Welfare Education Society ) में गड़बड़ी की जांच ने हाईकोर्ट ( High Court ) की फटकार के बाद अब रफ्तार पकड़ ली है। मिली जानकारी के मुताबिक गड़बड़ी की शिकायत सदस्य विपिन अग्रवाल ने 2017 में EOW से की थी, पर शिकायत को रजिस्टर्ड नहीं किया था। जब इस संबंध में जांच ठंडे बस्ते में पड़ी तो विपिन ने हाई कोर्ट ( High Court ) में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने शुक्रवार को एसपी EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ) को 3 दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को ईओडब्ल्यू ( EOW ) ने प्राथमिकी दर्ज कर हरदा में डेरा डाल दिया है।
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HC ने EOW को लगाई फटकार
विपिन अग्रवाल की याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डिविजन बेंच में हुई। कोर्ट ने इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को तय की गई है। हाईकोर्ट की तल्खी के बाद ईओडब्ल्यू ने इस प्रकरण में पीई दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।
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EOW की टीम पहुंची शिकायतकर्ता के घर
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शनिवार यानी 24 फरवरी को EOW की टीम शिकायतकर्ता के घर पहुंची थी। टीम चार घंटे तक वहां मौजूद रही और शिकायतकर्ता से सभी तरह तथ्य एकत्रित किए । इस दौरान शिकायकर्ता विपिन अग्रवाल ने कहा कि दो दिन बाद वह इस मामले में पूरे तथ्य मीडिया के सामने रखेंगे।
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विवादों से है पुराना नाता
बीजेपी नेता कमल पटेल का विवादों से पुराना नाता रहा है। 5 मार्च 2008 में हुए दुर्गेश जाट हत्याकांड में सीबीआई ने कमल पटेल को मामले में साक्ष्य छुपाने का आरोपी बनाया था। सीबीआई जांच के बाद 2011 में यह प्रकरण इंदौर सीबीआई कोर्ट से हरदा जिला न्यायालय ट्रांसफर किया गया था। 20 जुलाई 2011 को मामले में सुनवाई करते हुए हरदा एडीजे कोर्ट से कमल पटेल को दोषमुक्त कर दिया था। फिर, इस फैसले के खिलाफ दुर्गेश जाट के पिता रामविलास और सीबीआई ने साल 2011 में जबलपुर उच्च न्यायलय में याचिका लगायी थी। जिसमें सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर ने हरदा के एडीजे कोर्ट के फैसले को सही बताया था।
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