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Photograph: (the sootr)
BHOPAL.मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक बार फिर बाजार से 4 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। यह कर्ज 11 नवंबर को लिया गया था। यह कर्ज 15 दिनों में दूसरी बार लिया गया है। इस बार सरकार ने दो कर्ज 1500-1500 करोड़ रुपए के और एक कर्ज एक हजार करोड़ रुपए का लिया है।
इस कर्ज की अदायगी 16 साल, 19 साल और 22 साल की अवधि में की जाएगी। कर्ज पर ब्याज का भुगतान साल में दो बार किया जाएगा। यह कर्ज सरकार ने विकास कार्यों के लिए लिया गया है।
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कर्ज बढ़कर 46,600 करोड़ हुआ
मोहन सरकार का कुल कर्ज अब बढ़कर 46 हजार 600 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। इसके पहले 28 अक्टूबर को 5 हजार 200 करोड़ रुपए के तीन कर्ज लिए गए थे। यह कर्ज सिंचाई, पावर प्रोजेक्ट्स और कम्युनिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स जैसे विकास कार्यों के लिए लिया गया था।
इससे पहले, 1 अक्टूबर को सरकार ने 3 हजार करोड़ का कर्ज लिया था। 9 और 23 सितंबर को भी कर्ज लिए गए थे। सरकार का कुल कर्ज बढ़कर 4 लाख 64 हजार 340 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
एमपी सरकार के कर्ज लेने की सूची पर एक नजरमध्यप्रदेश सरकार ने इस वित्त वर्ष में कई कर्ज लिए हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण कर्जों का उल्लेख किया गया है-
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सरकार का रेवेन्यू और एमपी पर कर्ज
सरकार ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 12487.78 करोड़ रुपए का रेवेन्यू सरप्लस था। इस दौरान सरकार की आय 234026.05 करोड़ रुपए और खर्च 221538.27 करोड़ रुपए था। वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार की रिवाइज्ड आमदनी 262009.01 करोड़ रुपए और खर्च 260983.10 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
सरकार का यह कहना है कि जो कर्ज लिया जा रहा है, वह कर्ज की सीमा के भीतर है। सरकार की ओर से यह दावा किया गया है कि सरकार की वित्तीय स्थिति अच्छी है। कर्ज के भुगतान के लिए कोई खतरा नहीं है।
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कर्ज के उद्देश्य और योजनाएं
सरकार का कहना है कि इस कर्ज का इस्तेमाल मुख्य रूप से कैपिटल एक्सपेंडिचर पर किया जाएगा। इसे प्रोडक्टिव स्कीमों के लिए मंजूर किया गया है। इनमें सिंचाई परियोजनाएं, पावर प्रोजेक्ट्स, और कम्युनिटी डेवलपमेंट जैसे विकास कार्य शामिल हैं।
यह कर्ज योजनाओं को सही तरीके से लागू करने के लिए लिया गया है। इस राशि से राज्य में बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा। राज्य सरकार के अनुसार, इन योजनाओं से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
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