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Photograph: (the sootr)
BHOPAL. मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने भोपाल के जंबूरी मैदान में ऐलान किया कि हर सरपंच को 50 हजार रुपए की राशि अलग से मिलेगी। अब तक इस तरह की कोई सुविधा नहीं दी जाती थी। सरपंच इस रकम का उपयोग दफ्तर से जुड़े कामों और पंचायत गतिविधियों में कर सकेंगे।
पंचायतों को मिला नया अधिकार
सरकार ने सरपंचों को 25 लाख तक के निर्माण कार्य का अधिकार दिया। पहले इसके लिए जिलों में चक्कर लगाने पड़ते थे। अब पंचायतें खुद फैसले लेंगी और विकास के काम तेजी से होंगे।
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5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला
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गांवों के विकास के लिए अलग बजट
मुख्यमंत्री ने साफ किया है कि पंचायतें अब शहरों की तरह योजनाएं बना सकती हैं। इसके लिए अलग बजट मिलेगा। अब तक कई पंचायत भवन, सामुदायिक भवन और जिले स्तर के भवन बना चुके हैं। सरकार ने गांवों के शांति धाम को भी अतिक्रमण से मुक्त करने और व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए हैं।
सरपंचों के लिए क्या-क्या फायदे हैं?
- 50 हजार रुपए अलग से मिलेंगे, जिससे जरूरी ऑफिस से जुड़े खर्च आसानी से होंगे।
- 25 लाख तक के विकास काम का अधिकार, फैसले लेने में आसानी होगी।
- पंचायतों में रिकॉर्ड रूम और विकास से जुड़े अलग फंड का इंतजाम होगा।
पंचायत सचिवों को सीएम की सीधी चेतावनी
राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में सरपंचों का भोपाल पंचायत सम्मेलन मंगलवार को हुआ। इस सम्मेलन में सरपंच अधिकार को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पंचायत प्रतिनिधियों से खुलकर बात की। उन्होंने सरपंचों को भरोसा दिलाया, सरकार आपके हर कदम पर साथ खड़ी है।
कार्यक्रम में सीएम ने सख्त लहजे में पंचायत सचिवों को सीधे चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि कोई भी सचिव अगर ठीक से काम नहीं करेगा, तो उसे तुरंत हटा दिया जाएगा। इस दौरान सीएम ने कहा, "एक बात अच्छे से समझ लें, सचिव-सहायक सचिव इनकी क्या औकात है?" पंचायत में सरपंचों की ताकत सबसे ऊपर है।
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मुख्यमंत्री के भाषण पर कांग्रेस की आपत्ति
मुख्यमंत्री के भाषण के कुछ अंशों पर विपक्षी कांग्रेस ने आपत्ति जताई। कांग्रेस ने सचिवों के प्रति कथित अपमानजनक भाषा को लेकर विरोध जताया। पार्टी ने सरकार से सार्वजनिक माफी की मांग रखी और पंचायत तंत्र की भूमिका को अहम बताया।
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