मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में धान और गेहूं की खरीद, भंडारण और परिवहन में होने वाली अनियमितताओं को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अधिकारियों को एकीकृत निगरानी तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रणाली के तहत एक केंद्रीय कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित किया जाएगा, जो पूरे प्रदेश में खरीदी में गड़बड़ी और अनाज से जुड़ी गतिविधियों पर पूरी तरह से निगरानी रखेगा।
मध्य प्रदेश में बनेगा कंट्रोल कमांड सेंटर
दरअसल, मध्य प्रदेश में 5 करोड़ों के धान उपार्जन घोटाले में EOW की कार्रवाई और जबलपुर में मिलीभगत कर 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की हेराफेरी के मामले सामने आने का बाद सरकार सख्त है। खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अधिकारियों को धान और गेहूं की खरीद, परिवहन और भंडारण में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए एक सशक्त निगरानी तंत्र तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रणाली के तहत पूरे प्रदेश में खाद्य विभाग, नागरिक आपूर्ति निगम और वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को एक ही क्लिक पर उपार्जित अनाज की जानकारी मिलेगी। खाद्य विभाग में जीरो टॉरलेंस की नीति के पारदर्शी तरीके से क्रियान्वयन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
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GPS सिस्टम की निगरानी
खाद्य मंत्री ने अपर मुख्य सचिव (खाद्य) और आयुक्त (खाद्य) को साफ निर्देश दिए कि धान और चावल के मिलिंग और परिवहन के दौरान वाहनों में GPS सिस्टम लगवाया जाए, जिससे परिवहन की प्रक्रिया पर भी निगरानी रखी जा सके। वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाने के साथ उसकी मॉनिटरिंग भी करें। यह कदम अनियमितताओं को रोकने के लिए बेहद अहम होगा। यह सख्त कदम पिछले दिनों उपार्जन प्रक्रिया के दौरान सामने आई गड़बड़ी की शिकायतों के बाद उठाया जा रहा है।
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खाद्य मंत्री में विधानसभा में कहा था...
मध्य प्रदेश विधानसभा में कार्यवाही के दौरान खाद्य मंत्री ने गोविंद सिंह राजपूत ने सदन को आश्वस्त किया था कि उपार्जन, परिवहन, भंडारण में गड़बड़ी रोकने के लिए एकीकृत प्रणाली विकसित की जाएगी, जिससे इन गड़बड़ियों पर लगाम कसेंगें। प्रदेश में सहकारिता विभाग के सहयोग से गड़बड़ी करने वाली समितियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रखेगें। साथ ही खाद्य मंत्री ने कहा था कि जहां समितियों में कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा कोई भी गड़बड़ियां सामने आती है तो कठोर कार्रवाई की जाएंगी, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
सीएमआर की रैंडम जांच
खरीफ उपार्जन वर्ष 2024-25 के तहत धान की मिलिंग का काम चल रहा है। इस दौरान चावल की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। 11 फरवरी 2025 को खाद्य मंत्री ने नागरिक आपूर्ति निगम को निर्देश दिए हैं कि वे मिलिंग के दौरान समय-समय पर जांच करवाएं ताकि मानक गुणवत्ता का चावल तैयार किया जा सके। मिलिंग के बाद चावल की गुणवत्ता की रैंडम जांच हो। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर एक विशेष टीम बनाई जाए।
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जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन
अब नागरिक आपूर्ति निगम ने एक 3 सदस्यीय टीम का गठन किया है, जिसमें सहायक महाप्रबंधक (परिदान), सहायक महाप्रबंधक (गुणवत्ता नियंत्रण) और मुख्यालय का गुणवत्ता नियंत्रक शामिल हैं। यह टीम समय-समय पर जिलों में अचानक जांच करेगी और किसी भी अनियमितता पर सख्त कार्रवाई की सिफारिश करेगी। साथ ही, वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत सूचना दी जाएगी।
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