देवा पारदी मौत मामला: सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद ASI उत्तम सिंह गिरफ्तार, TI अभी भी फरार

सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी के बाद सीबीआई ने एएसआई उत्तम सिंह कुशवाह को गिरफ्तार किया है। यह देवा पारदी मौत मामले में फरार था। मामले में म्याना थाना प्रभारी संजीत मावई अभी भी फरार हैं।

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Dablu Kumar
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GUNA. सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद शनिवार (27 सितंबर) को एएसआई उत्तम सिंह कुशवाह को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। उत्तम सिंह शनिवार को कोर्ट में सरेंडर करने के लिए पहुंचा था, लेकिन उससे पहले ही सीबीआई की टीम ने उसे वहां से ही हिरासत में ले लिया। उस पर पहले ही 2 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। उत्तम सिंह देवा पारदी हत्या मामले में फरार चल रहा था। शुक्रवार की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 8 अक्टूबर तक उसकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे।

थाना प्रभारी संजीत मावई अभी भी फरार

मजिस्ट्रियल जांच में पुलिसकर्मियों को प्रताड़ना का दोषी ठहराया गया था। एक आरोपी पुलिसकर्मी देवराज परिहार पहले ही गिरफ्तार हो चुका है, जबकि उस समय के म्याना थाना प्रभारी (टीआई) संजीव मावई (संजीत सिंह मावई) अभी भी फरार हैं। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और सीबीआई को अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके बाद मामले में तेजी देखने को मिली।

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ASI पहले भी सरेंडर की कोशिश कर चुका

उत्तम सिंह ने पहले भी सरेंडर करने की कोशिश की थी। नवंबर में उसकी बेटी की शादी है, इसलिए वह कुछ समय पहले स्वेच्छा से सरेंडर करना चाहता था। करीब 15-20 दिन पहले उसके परिजन वरिष्ठ अधिकारियों से मिले थे और यह शर्त रखी थी कि पहले से गिरफ्तार पुलिसकर्मी के साथ उसका चालान पेश किया जाए, लेकिन अधिकारियों ने यह शर्त स्वीकार नहीं की। अब सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सीबीआई ने सक्रियता दिखाई और कोर्ट से ही उसकी गिरफ्तारी की।

देवा पारदी की मौत मामले वाली खबर को एक क्लिक में समझें 

  1. सीबीआई ने एएसआई उत्तम सिंह कुशवाह को गिरफ्तार किया: सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद, उत्तम सिंह को शनिवार को कोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया। वह देवा पारदी मौत मामले में फरार था।

  2. 2 लाख का इनाम घोषित था: उत्तम सिंह पर पहले ही 2 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था और वह कई दिनों से फरार था।

  3. देवा पारदी की मौत का मामला: 4 जुलाई 2024 को देवा पारदी और उसके चाचा को चोरी के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। देवा की 14 जुलाई को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।

  4. पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया: मजिस्ट्रियल जांच में पुलिसकर्मियों को प्रताड़ना का दोषी पाया गया। एक आरोपी पुलिसकर्मी देवराज परिहार पहले ही गिरफ्तार हो चुका है, जबकि म्याना थाना प्रभारी संजीत मावई फरार है।

  5. उत्तम सिंह की सरेंडर की कोशिश: उत्तम सिंह ने नवंबर में बेटी की शादी के कारण स्वेच्छा से सरेंडर करने की कोशिश की थी, लेकिन अधिकारियों ने उसकी शर्तें स्वीकार नहीं कीं।

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जानें देवा पारदी केस के बारे में 

देवा पारदी मध्यप्रदेश के गुना जिले के बीलाखेड़ी गांव के निवासी थे और उनकी उम्र केवल 25 वर्ष थी। 15 जुलाई 2024 को गुना शहर के गोकुल सिंह चौक से उनकी बारात रवाना होने वाली थी। करीब शाम 4:30 बजे म्याना थाने की पुलिस गांव पहुंची और चोरी के एक मामले में पूछताछ के नाम पर देवा और उनके चाचा गंगाराम पारदी को बारात के ट्रैक्टर से ही हिरासत में ले लिया।

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आरोपी की हिरासत में मौत पर पुलिस का मत

पुलिस का कहना था कि देवा पर पहले से चोरी, लूट और हत्या के प्रयास जैसे सात आपराधिक मामले दर्ज थे। 16 जुलाई को देवा के परिजनों को गुना जिला अस्पताल से सूचना मिली कि एक पारदी युवक का शव पोस्टमॉर्टम रूम में रखा हुआ है। जब परिजन अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि शव देवा का था।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हृदयाघात को मौत का कारण बताया गया, लेकिन शरीर पर कई चोटों के निशान पाए गए। परिजनों ने आरोप लगाया कि म्याना थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर संजीव मावई और एएसआई उत्तम सिंह ने देवा की हत्या की थी। पुलिस ने अपनी तरफ से दावा किया कि पूछताछ के दौरान देवा की तबीयत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।

क्या है पुलिस पर आरोप

एसआई और टीआई पर पुलिस कस्टडी में देवा पारदी की पिटाई का आरोप है। पिटाई के बाद उसकी मौत हो गई थी। पुलिस हार्ट अटैक से मौत होने की बात कह रही है। गुना जिले के म्याना थाने का मामला है। इसमें पुलिस कस्टडी के दौरान देवा पारदी की मौत हो गई थी।

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सीबीआई भी मामले की कर रही है जांच

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने फरार दो पुलिस अधिकारियों तत्कालीन म्याना थाने के इंस्पेक्टर संजीव मावई (संजीत सिंह मावई) और एएसआई उत्तम सिंह कुशवाहा पर 2 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। जिसमें से अब एएसआई उत्तम सिंह कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किए गए थे और उन्हें प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित कर दिया गया। हालांकि, अभी मामले में म्याना थाने के इंस्पेक्टर संजीव मावई की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मावई की तलाश अभी भी जारी है। 

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