मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह जूनियर डॉक्टर्स की समस्याओं के समाधान के लिए उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करे। कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के बाद जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दों के संबंध में यह आदेश दिया गया।
एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह जूनियर डॉक्टर्स की सुरक्षा और काम करने की स्थिति से जुड़ी शिकायतों पर जल्द से जल्द प्रतिक्रिया दे। कोर्ट ने कहा कि अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए बेहतर सुरक्षा, जैसे परिवहन, सीसीटीवी, लाइटिंग, अलार्म सिस्टम और पुलिस चौकी जैसी सुविधाओं की आवश्यकता है।
अगली सुनवाई के पहले स्टेटस रिपोर्ट देने का आदेश
अदालत ने राज्य सरकार से अगले महीने होने वाली सुनवाई से पहले, जूनियर डॉक्टर्स की समस्याओं पर चर्चा कर, एक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। यह याचिका अंशुल तिवारी ने राज्य भर में जूनियर डॉक्टर्स की सुरक्षा और काम करने की स्थिति के सुधार के लिए दायर की थी।
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कोर्ट ने इससे पहले 16 अगस्त को हड़ताल के विरुद्ध लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए, डॉक्टर्स से हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया था, साथ ही आश्वासन दिया था कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इसके बाद जूनियर डॉक्टर ने हड़ताल को वापस ले लिया था और अगली सुनवाई में कोर्ट ने जूनियर डॉक्टर की तारीफ भी की थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।
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