ई रिक्शा पर हाईकोर्ट सख्त: बिना रजिस्ट्रेशन, परमिट के सड़कों पर कैसे मचा रहे धमा-चौकड़ी? SP, कलेक्टर को नोटिस

जबलपुर समेत मध्य प्रदेश के कई शहरों में बिना रजिस्ट्रेशन और परमिट के चल रहे ई-रिक्शा पर हाईकोर्ट ने सख्त रूप अपनाया है। कोर्ट ने इसको लेकर SP, कलेक्टर और सरकार को नोटिस जारी किया है।

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Neel Tiwari
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Jabalpur. जबलपुर सहित मध्यप्रदेश के कई जिलों में ई-रिक्शा बड़ी समस्या बन चुके हैं। इसका मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। ई-रिक्शा चालकों को रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस से छूट देने के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन को चैलेंज किया गया है। हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार सहित ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट और जबलपुर कलेक्टर, एसपी को नोटिस जारी किया है।

बता दें कि ग्रीन एनर्जी प्रमोशन के तहत बैटरी वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इससे ई-रिक्शा को आम वाहनों की तरह रजिस्ट्रेशन, परमिट और लाइसेंस से छूट दे दी गई थी। इस नोटिफिकेशन के खिलाफ अब समाजसेवी पीजी नाजपांडे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

बिना लाइसेंस नाबालिग भी चला रहे ई-रिक्शा

याचिकाकर्ता के वकील दिनेश कुमार उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि नोटिफिकेशन के कारण 12 से 15 साल के नाबालिग बच्चे भी ई-रिक्शा चला रहे हैं। रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस की अनिवार्यता ना होने से यातायात विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर पाता है। इसका असर शहर की यातायात व्यवस्था पर भी पड़ रहा है।

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नियम अनुसार दी गई छूट - केंद्र सरकार

इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल सुयश मोहन गुरु और ASG सुनील जैन ने पक्ष रखा है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि यह नोटिफिकेशन सेक्शन 66 के सेक्शन 3(N) के तहत जारी किया गया है। सरकार का कहना था कि इस नोटिफिकेशन में सभी नियमों का पालन किया गया है।

हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील ने आपत्ति जताई कि अमेंडमेंट से मुख्य कानून को बदला नहीं जा सकता है। यह ई-रिक्शा व्यवस्था शहर की यातायात के लिए घातक साबित हो रही है। जबलपुर कलेक्टर को खुद स्कूली बच्चों को ई-रिक्शा में जाने से रोक लगानी पड़ी थी।

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एमपी में ई-रिक्शा की खबर पर एक नजर...

  • जबलपुर और अन्य जिलों में ई-रिक्शा की बढ़ती समस्या, बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के चल रहे हैं, जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है।

  • केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन से ई-रिक्शा को रजिस्ट्रेशन, परमिट और लाइसेंस से छूट मिल गई है, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।

  • याचिका में बताया गया कि बिना लाइसेंस के नाबालिक भी ई-रिक्शा चला रहे हैं, जिससे सुरक्षा संबंधी खतरे बढ़ गए हैं।

  • केंद्र सरकार ने अपनी रक्षा में कहा कि नोटिफिकेशन सभी नियमों के अनुसार जारी किया गया था, जबकि याचिकाकर्ता ने इसे घातक बताया।

  • हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट और जबलपुर कलेक्टर को नोटिस जारी किया है, और अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।

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ई-रिक्शा निजी कंपनी की याचिका हुई क्लब

दोनों पक्षों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने मामले को सुनवाई के योग्य माना है। वहीं, Piaggio व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड की एक और याचिका को अब इसी मामले के साथ जोड़ दिया गया है। अब दोनों याचिकाओं की सुनवाई एक साथ होगी।

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केंद्र सरकार सहित परिवहन मंत्रालय और कलेक्टर को नोटिस

चीफ जस्टिस की बेंच ने केंद्र सरकार, सड़क परिवहन सचिव, जबलपुर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने इनसे जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी। तब सरकार कोर्ट में अपना जवाब पेश करेगी। इस दिन तय होगा कि ई-रिक्शा ट्रांसपोर्ट एक्ट के दायरे में आएंगे या नहीं।

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