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JABALPUR. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में आरक्षित वर्गों को ईडब्ल्यूएस आरक्षण में जोड़े जाने के सहित ओबीसी आरक्षण के मामलों की सुनवाई मार्च महीने तक टल गई है। एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस की जनहित याचिका सहित तीन अन्य याचिकाओं में यह मांग की गई थी कि एससी-एसटी ओबीसी जैसे आरक्षित वर्ग के गरीब अभ्यर्थियों को भी ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट के लिए पात्र माना गया है। लेकिन, आरक्षित वर्ग के इन अभ्यर्थियों को ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण अलग-अलग भर्तियों में उनको भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की डिविजनल बेंच में इस मामले को फाइनल डिस्पोजल स्टेज पर रखा गया है। हालांकि 21 फरवरी को कोर्ट में अधिवक्ताओं सहित पक्षकारों के भी पेश न होने से इस मामले की सुनवाई 10 मार्च नियत की गई है।
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शिक्षक भर्ती में ओबीसी आरक्षण का मामला
शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को के मेरीटोरियस अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ न देते हुए प्रतिभावान अभ्यर्थियों को भी मेरिट लिस्ट में नीचे कर दिए जाने के मामले में हाई कोर्ट के द्वारा शुक्रवार 21 फरवरी को सुनवाई होनी थी। लेकिन, वकीलों के न्यायिक कार्यों से विरक्त होने के कारण कोर्ट में कोई पेश नहीं हुआ और इसके कारण इस सुनवाई को भी टाल दिया गया है। यह सुनवाई भी ईडब्ल्यूएस मामले के साथ ही 10 मार्च 2025 को की जाएगी।
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अभ्यर्थियों को करना होगा अगली तारीख का इंतजार
इन दोनों मामलों में शिक्षकों सहित अन्य अभ्यर्थियों को अब कोर्ट की अगली सुनवाई का इंतजार करना होगा। 21 फरवरी को वकीलों के विरोध के चलते अदालती कामों से विरक्त होने के कारण या सुनवाई टल गई है और अब याचिकार्ताओं को इस मामले में सनी के लिए 10 मार्च तक इंतजार करना होगा।
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