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INDORE. इंदौर नगर निगम सहित MP के 16 नगर निगमों और 417 नगर पंचायतों की मतदाता सूची का प्रकाशन हुआ। इसी मामले को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में लगी याचिका पर बुधवार को मप्र शासन ने यू टर्न ले लिया। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद राज्य निर्वाचन आयोग और मप्र शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में निगम मतदाता सूची का पूरा कार्यक्रम रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में त्रुटियों का भी जिक्र किया गया है।
इनके द्वारा लगाई गई याचिका
यह याचिका पूर्व कांग्रेस पार्षद दिलीप कौशल ने अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल और जयेश गुरनानी के जरिए लगाई है। इसमें मुद्दा उठाया गया कि एक वार्ड में रहने वाला मतदाता दूसरे वार्ड से चुनाव तो लड़ सकता है।
वह दूसरे वार्ड की मतदाता सूची पर आपत्ति नहीं लगा सकता है। साथ ही वह परिवार में छूटे अन्य सदस्य, नामों को लेकर भी प्रकाशन के बाद आपत्ति नहीं ले सकता है। यह असंवैधानिक है।
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राज्य शासन ने आपत्ति वापस ली
इस मामले में बीती सुनवाई में राज्य शासन ने आपत्ति ली थी। साथ ही कहा था कि संविधान की धारा 243 जेडजी (बी) के तहत यह सुनवाई योग्य नहीं है। लेकिन शासन ने यह आपत्ति वापस ले ली और कहा कि वह इस आपत्ति पर जोर नहीं देना चाहते हैं। हाईकोर्ट इंदौर डबल बेंच ने राज्य शासन और राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी की बेंच ने यह आदेश दिया।
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4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरीयाचिका पर हाईकोर्ट की सुनवाई: इंदौर हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। इसमें नगर निगम की मतदाता सूची के प्रकाशन को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका पूर्व कांग्रेस पार्षद दिलीप कौशल द्वारा दायर की गई थी। इसमें यह मुद्दा उठाया गया कि एक वार्ड का मतदाता दूसरे वार्ड के चुनाव में तो भाग ले सकता है। पहले राज्य शासन ने आपत्ति की थी, लेकिन बाद में उसने इसे वापस ले लिया और कहा कि वह इस आपत्ति पर अब जोर नहीं देना चाहते। इंदौर डबल बेंच ने राज्य शासन और राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा। जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी की बेंच ने यह आदेश दिया। |
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एसआईआर सही या निगम की मतदाता सूची
याचिकाकर्ता ने बताया कि हाल ही में निगम की मतदाता सूची का प्रकाशन हुआ है। अब भारत निर्वाचन आयोग SIR करा रहा है। इसमें भी नाम कटेंगे, हटेंगे, तो फिर कौन सी मतदाता सूची सही होगी। ऐसे में यह निगम के मतदाता सूची जारी करने का पूरा कार्यक्रम रद्द किया जाना चाहिए। इसमें अभी कई त्रुटियां है।
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