MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शाहपुर नगर पंचायत के मुख्य मार्गों पर जारी अतिक्रमण के मामले में प्रशासन की लापरवाही पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि पूर्व में दिए गए आदेशों की अवहेलना किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी। जबलपुर हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की पीठ ने सागर कलेक्टर को एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने का अंतिम मौका दिया है।
आदेशों को किया गया नजरअंदाज
सागर निवासी अधिवक्ता राजेन्द्र सिंह लोधी की ओर से जनहित याचिका के जरिए मुख्य मार्गों से अतिक्रमण हटाने की मांग की थी। कोर्ट ने फरवरी 2025 में सागर कलेक्टर को निर्देशित किया था कि दो माह के भीतर अतिक्रमण हटाकर रिपोर्ट पेश की जाए। याचिकाकर्ता ने आदेश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और उल्टा तहसीलदार किसानों से जुर्माना वसूलते रहे।
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कोर्ट में पेश नहीं की गई कंप्लायंस रिपोर्ट
शुक्रवार, 25 अप्रैल को जब कंप्लायंस रिपोर्ट की सुनवाई हुई, तो यह स्पष्ट हुआ कि कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ है। इस पर कोर्ट ने शासन पक्ष को फटकार लगाई और सवाल उठाया कि जब आदेश स्पष्ट था, तो फिर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
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एक हफ्ते की डेडलाइन
कोर्ट ने सागर कलेक्टर को आदेश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर शाहपुर के मुख्य मार्गों से अतिक्रमण हटाया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो कलेक्टर को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना पड़ेगा। जवाब देना होगा कि आदेश की अनदेखी क्यों की गई।
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