वाहन चेकिंग के दौरान वकीलों-पुलिसकर्मियों के बीच टकराव, पुलिसवालों पर SC/ST एक्ट में FIR दर्ज

शहर के माढ़ोताल थाना क्षेत्र में शनिवार को वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच विवाद हो गया। इसके बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ SC/ST एक्ट और भारतीय न्याय संहिता के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

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Neel Tiwari
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Photograph: (the sootr)

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JABALPUR. शहर के माढ़ोताल थाना क्षेत्र में शनिवार को वाहन चेकिंग के दौरान पुलिसकर्मियों और अधिवक्ताओं के बीच बड़ा विवाद हो गया। अधिवक्ता विवेक पटेरिया सहित बड़ी संख्या में थाने पहुंचे अधिवक्ताओं ने पुलिसकर्मियों पर अभद्रता और मारपीट के आरोप लगाए हैं, वहीं पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि अधिवक्ताओं ने भी पुलिस से दुर्व्यवहार किया है। इस विवाद के बाद थाना माढ़ोताल में पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। साथ ही पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है, जिससे मामला और गर्मा गया है।

वाहन चेकिंग के दौरान अधिवक्ता विवेक पटेरिया के साथ विवाद

अधिवक्ता विवेक पटेरिया का आरोप है कि 26 अप्रैल 2025 को वे अपोलो अस्पताल के पास आयोजित 'अधिवक्ता संवाद' कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे। इसी दौरान थाना माढ़ोताल के सामने पुलिसकर्मियों ने उन्हें वाहन चेकिंग के नाम पर रोका। परिचय देने और कार्यक्रम में जाने की जानकारी देने के बावजूद पुलिसकर्मियों ने उनके साथ गाली-गलौज करते हुए दुर्व्यवहार किया। आरोप है कि उनके वाहन की चाबी छीनी गई और धक्का-मुक्की के दौरान उनकी दाहिनी उंगली में चोट भी आ गई।

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अधिवक्ता संघ सचिव के साथ भी पुलिस की बदसलूकी का आरोप

घटना की जानकारी मिलते ही जिला अधिवक्ता संघ के सचिव ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी मौके पर पहुंचे। उन्होंने जब पुलिस से संयम बरतने की अपील की, तो उप निरीक्षक बृजेश तिवारी ने कथित रूप से उनकी गर्दन पकड़ने का प्रयास किया और जान से मारने की धमकी दी। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष मनीष मिश्रा के खिलाफ भी आपत्तिजनक टिप्पणी की है।

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अधिवक्ताओं ने की पुलिस कर्मियों से अभद्रता - CSP 

माढ़ोताल क्षेत्र के सीएसपी भगत सिंह ने पूरे मामले में पुलिस का पक्ष रखते हुए कहा कि वाहन चेकिंग के दौरान विवेक पटेरिया को रोका गया था और उनके वाहन में दस्तावेजों की कमियां पाई गईं। दस्तावेज अधूरे होने के चलते उनका चालान किया जा रहा था। इसी दौरान अधिवक्ता भड़क गए और उनके कुछ साथी भी मौके पर आकर पुलिसकर्मियों से बहस और अभद्रता करने लगे। सीएसपी ने कहा कि वकीलों द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है, लेकिन निष्पक्ष जांच के आधार पर दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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इन धाराओं में दर्ज हुआ प्रकरण

अधिवक्ताओं की शिकायत के आधार पर थाना माढ़ोताल में उप निरीक्षक बृजेश तिवारी और आरक्षक सत्यम पटेल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 296, धारा 115, धारा 351 और धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (संशोधन 2015) की धारा 3(1)(द) (जातिसूचक गाली देना) और धारा 3(1)(ध) (स्पर्श या संपर्क द्वारा अपमानित करना) के तहत भी प्रकरण दर्ज हुआ है।

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वकील समाज में आक्रोश, कड़ी कार्रवाई की मांग

इस घटना के बाद वकील समाज में जबरदस्त आक्रोश है। जिला अधिवक्ता संघ ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। वहीं पुलिस भी मामले की जांच कर रही है और दोनों पक्षों के खिलाफ निष्पक्ष रूप से कार्रवाई करने की बात कह रही है।

 

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