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पांच प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला
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मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) द्वारा जारी 2026 के परीक्षा कार्यक्रम में MP-HSTET (मध्य प्रदेश उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा) का कोई उल्लेख न होने से लाखों अभ्यर्थियों में निराशा फैल गई है। यह परीक्षा पहले 2025 के शेड्यूल में शामिल थी, लेकिन अब इसे 2026 से बाहर कर दिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि शिक्षक बनने की प्रक्रिया और लंबी खिंच सकती है।
आठ साल में सिर्फ दो बार आयोजित हुई परीक्षा
पिछले आठ साल में उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा सिर्फ दो बार आयोजित की गई है। पहली बार साल 2018 में और दूसरी बार 2023 में हुई थी। हर साल करीब 50 हजार से अधिक छात्र बीएड की डिग्री प्राप्त करते हैं, लेकिन उन्हें इस परीक्षा का मौका नहीं मिल पाया।
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इतने बड़े आंकड़े, फिर भी कोई नियुक्ति नहीं
साल 2023 में एक लाख 74 हजार 360 और साल 2018 में दो लाख 22 हजार 392 अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा के लिए आवेदन किया था। हालांकि, यह परीक्षा सीधे तौर पर नियुक्ति नहीं देती। इसके बाद एक और चयन परीक्षा होती है। वहीं अब इस पर ESB के अधिकारियों का कहना है कि विभाग की डिमांड के आधार पर ही यह परीक्षा कराई जाती है।
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2025 में कौन-कौन सी परीक्षाएं टलीं
इनमें कई जरूरी परीक्षाएं शामिल हैं। उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी MPTET वर्ग 1 टल गई है। वनरक्षक, क्षेत्ररक्षक, जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा भी टली है। ग्रुप-3 उपयंत्री परीक्षा भी नहीं होगी। ITI प्रशिक्षण अधिकारी भर्ती परीक्षा भी टाल दी गई है।
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सबसे ज्यादा नुकसान अभ्यर्थियों का
अभ्यर्थी कहते हैं कि वे शिक्षक बनने का सपना लेकर कोचिंग करते हैं। वे बीएड (B.Ed) करते हैं, लेकिन पात्रता परीक्षा देने का मौका नहीं मिलता। इससे उनकी मेहनत, पैसा और समय सब कुछ बर्बाद होता है। वे ESB से बार-बार संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उन्हें ESB की ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा। न ही अभी तक इस फैसले का कोई साफ कारण बताया गया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि मध्य प्रदेश उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा को हर साल आयोजित किया जाए। जिससे योग्य उम्मीदवारों को समय पर चयन परीक्षा में शामिल होने का मौका मिले। साथ ही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और नियमित बने।
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क्या सीटीईटी की तरह हर साल हो परीक्षा?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि CTET(केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) की तरह मध्य प्रदेश में भी हर साल शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ESB को निर्देश (standing order) दिए जाने चाहिए, ताकि उम्मीदवारों को परीक्षा के बारे में किसी तरह का संदेह न हो और वे योजनाबद्ध तरीके से तैयारी कर सकें।
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