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BHOPAL. भोपाल में आज, 19 दिसंबर से मध्यप्रदेश के IAS अफसरों की बैठक शुरू हुई है। ये अफसर तीन दिन चलने वाली आईएएस सर्विस मीट (IAS Service Meet) में शामिल हुए हैं।
पहले दिन IAS अफसर संतोष वर्मा मीट में शामिल नहीं हुए हैं। बता दें कि वर्मा हाल ही में अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। इसके चलते उन्हें इस मीट में भाग लेने से रोकने की मांग की जा रही थी।
संतोष वर्मा को मीट में न आने दें
मंत्रालय अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने IAS एसोसिएशन से एक अपील की थी। उन्होंने कहा कि इस साल की सर्विस मीट में IAS संतोष वर्मा को प्रवेश नहीं दिया जाए।
विवादित बयान पर बढ़ा विवाद
आईएएस संतोष वर्मा का नाम हाल ही में एक विवादित बयान के कारण चर्चा में आया है। वर्मा ने पहले बयान में ब्राह्मण समाज और उनके परिवारों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।
अजाक्स संगठन के प्रांतीय अधिवेशन में संतोष वर्मा को नया प्रांताध्यक्ष चुना गया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक ब्राह्मण मेरे बेटे से संबंध नहीं बनाता, आरक्षण जारी रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आरक्षण तब तक रहेगा, जब तक रोटी-बेटी का व्यवहार समान नहीं होता।
5 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला
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एक और विवादित बयान आया सामने
हाल ही में वर्मा का एक और विवादित बयान सामने आया है। इसमें उन्होंने खुद को माई के लाल बताते हुए अजाक्स संगठन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वर्मा ने कहा कि 2016 तक में हम माई के लाल बने थे, आज हमें तोड़ा जा रहा है। इस बयान के बाद उनकी चर्चा फिर से तेज हो गई है।
इसके बाद पूरे प्रदेश में उनका विरोध बढ़ गया है। उनका यह बयान वायरल हो गया और ब्राह्मण समाज समेत अन्य संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। इस बयान के बाद उनकी शिकायत दिल्ली तक पहुंची थी।
आईएएस वर्मा का हाईकोर्ट पर आरोप
एक कार्यक्रम के दौरान वर्मा ने कहा कि एसटी वर्ग के बच्चों को सिविल जज कोई और नहीं, बल्कि हाईकोर्ट नहीं बनने दे रहा है। वर्मा ने आगे कहा कि यह वही हाईकोर्ट है, जिससे हम बाबा साहब के संविधान के हिसाब से चलने की गारंटी मांगते हैं।
समाज में बढ़ता आक्रोश
IAS संतोष वर्मा के विवादित बयानों के बाद, मध्य प्रदेश और देश भर में उनके खिलाफ विरोध की लहर दौड़ पड़ी है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इस मुद्दे पर बयानबाजी कर रही हैं। राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने वर्मा के बयानों को खतरनाक बताया है, जो समाज में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं।
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