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BHOPAL. मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए एमपी ट्रेड फेयर अथॉरिटी बनाएगी। इसके अलावा, केंद्र सरकार के सहयोग से एक बड़ा कन्वेंशन सेंटर भी बनेगा। सरकार उन 81 विधानसभा क्षेत्रों में भी औद्योगिक केंद्र विकसित करेगी, जहां अभी इनका टोटा है।
यह जानकारी, राज्य के सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने दी है। बता दें की मंगलवार, 31 दिसंबर को एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई। इसमें मंत्री काश्यप ने कहा कि एमपी में बड़े कन्वेंशन सेंटर की कमी महसूस की जाती रही है।
इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी। उन्होंने गोयल से इसकी मांग रखी थी। इसे गोयल ने स्वीकार कर लिया है। गोयल ने जमीन तलाशने को कहा है। काश्यप ने बताया कि सरकार जल्दी ही एमपी ट्रेड फेयर अथॉरिटी भी गठित करेगी। ताकि उद्योग से जुड़े मामलों का निपटारे में उद्यमियों के लिए मददगार साबित हो सके।
81 विधानसभाओं में नहीं औद्योगिक क्षेत्र
मंत्री काश्यप ने कहा कि राज्य में क्षेत्रवार औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में अब उन 81 विधानसभा क्षेत्रों में भी औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जहां अभी इनका टोटा है। इनमें चरणबद्ध तरीके से उद्योग और स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित किए जाएंगे। ताकि विकास का लाभ पूरे प्रदेश तक समान रूप से पहुंचे।
सरकार औद्योगिक क्षेत्रों में कम जगह में ज्यादा उद्योगों को जगह देने के लिए मल्टी स्टोरी इंडस्ट्री कॉम्पलेक्स बनाने जा रही है। इसकी शुरुआत भोपाल के गोविंदपुरा से हो रही है। इसके बाद इसे प्रदेश के दूसरे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में शुरू किया जाएगा। गोविंदपुरा मल्टी कॉम्पलेक्स में 1-1 हजार वर्गफीट के 105 ब्लॉक्स होंगे। इनके आवंटन में महिला उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
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आइडिया बढ़ाने मेगा इन्क्यूबेशन सेंटर
काश्यप ने कहा कि प्रदेश में मेगा इन्क्यूबेशन सेंटर भी बनाए जा रहे हैं। इनमें आइडिया डेवलपमेंट के लिए आधुनिक लैब, मेंटरिंग, शेड और शुरुआती चरण में आवश्यक कार्यस्थल उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार का मानना है कि इससे खासकर उन क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा, जहां अभी औद्योगिक ढांचा कमजोर है।
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प्रोटोटाइप के लिए 30 लाख तक की मदद
मंत्री ने कहा कि नए आइडिया को अमल में लाने के लिए सरकार 30 लाख रुपए तक की मदद दे रही है। इससे स्टार्टअप अपने विचार को उत्पाद या सेवा में बदल सकेंगे।
उन्होंने बताया कि स्टार्टअप्स को शुरुआती पूंजी की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने सौ करोड़ रुपए का सीड फंड तैयार किया है। यह फंड नए उद्यमों को आगे बढ़ने और निवेश आकर्षित करने में मदद करेगा।
स्टार्टअप बढ़ाने 10 हजार रुपए की मासिक मदद
एमएसएमई मंत्री ने बताया कि युवाओं को उद्यमिता से जोड़ने के लिए नई स्टार्टअप नीति में कई प्रोत्साहन हैं। यदि कोई युवा अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहता है, तो सरकार उसे पहले एक साल तक हर महीने 10 हजार रुपए दे रही है। इसका उद्देश्य शुरुआती संघर्ष में युवाओं को सहारा देना है। मंत्री ने कहा कि आजकल स्टार्टअप रोजगार सृजन के अलावा नए विचारों और नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
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मप्र में 21.63 लाख एमएसएमई
काश्यप ने कहा कि मध्यप्रदेश में एमएसएमई और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत किया गया है। प्रदेश में 21.63 लाख से ज्यादा एमएसएमई इकाइयां सक्रिय हैं, जो 1.20 करोड़ से अधिक रोजगार दे रही हैं। स्टार्टअप इकोसिस्टम में 6000 से ज्यादा डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं। ये स्टार्टअप नए विचारों को बाजार तक पहुंचा रहे हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर फोकस
एमएसएमई मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 43 औद्योगिक क्षेत्रों में 1296 नए भू-खंडों का निर्माण किया गया है। वहीं 41 औद्योगिक क्षेत्रों (3,353 भू-खंड) का विकास कार्य पूरा हुआ। इसके अतिरिक्त 26 नए औद्योगिक क्षेत्रों में 2,606 भू-खंडों की स्वीकृति दी गई है। वर्ष 2019 से 2024 के बीच कुल 805 भू-खंडों का आवंटन किया गया था।
औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश को आसान बनाने के लिए 1240 से अधिक रेडी-टू-यूज़ शेड उपलब्ध कराए गए। निजी औद्योगिक भूमि पर भी 30 औद्योगिक क्षेत्रों के 1423 भू-खंडों में से 583 का विकास पूरा किया गया है। निवेशकों को 40 करोड़ रुपए तक की सहायता का प्रावधान किया गया है।
एमएसएमई को अनुदान देने में मप्र अव्वल
उन्होंने कहा कि मप्र में एमएसएमई को अनुदान भी दिया जा रहा है। पिछले दो सालों में 4865 इकाइयों को ऑनलाइन सिंगल क्लिक के माध्यम से 3118 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि वितरित की गई। वर्ष 2019 से लंबित सभी प्रकरणों का भुगतान सुनिश्चित किया गया। इससे उद्योगों का विश्वास बढ़ा है। वहीं, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत 16 हजार 491 युवाओं को लाभ मिला है।
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