खंडवा मस्जिद विवाद: बिहार के इमाम को रुकवाने पर दो पर एफआईआर, ओवैसी ने किया विरोध

खंडवा में बिहार से आए इमाम को मस्जिद में ठहराने पर पुलिस ने FIR दर्ज की है। इस विवाद पर ओवैसी ने सवाल उठाया है और इसे संविधान का उल्लंघन बताया। जानिए पूरी खबर...

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Manish Kumar
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Photograph: (The Sootr)

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मुश्ताक मंसूरी @खंडवा

मध्यप्रदेश के खंडवा में बिहार से आए इमाम अख्तर रजा को मस्जिद में ठहराने पर पुलिस ने मस्जिद के सदर हाजी हनीफ खान और इमाम के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह मामला खारकलां गांव के जामा मस्जिद का है, जहां 35 वर्षीय अख्तर रजा करीब एक महीने से ठहरे हुए थे। पुलिस ने यह कार्रवाई इसलिए की, क्योंकि मस्जिद के सदर ने पुलिस को इमाम के ठहरने की जानकारी नहीं दी, जो कि कानून के तहत अनिवार्य था।

ओवैसी ने आर्टिकल 19 की याद दिलाई

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान इस मामले पर आया है। ओवैसी ने कहा कि खंडवा पुलिस ने संविधान के आर्टिकल 19 का उल्लंघन किया है, जो भारतीय नागरिकों को स्वत्रंतता और सुरक्षा का अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर बताया कि बिहार से आए इमाम को किसी मस्जिद में रखने पर एफआईआर दर्ज करना सही नहीं है। बता दें कि आर्टिकल 19 बोलने की आजादी देता है।

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4 पॉइंट्स में समझें खंडवा मस्जिद विवाद से जुड़ी ये खबर...

खारकलां गांव की जामा मस्जिद, जहां बिहार से आए इमाम अख्तर रजा एक महीने से रुके हुए थे।

  1. एफआईआर दर्ज: खंडवा में बिहार से आए इमाम अख्तर रजा को मस्जिद में ठहराने पर पुलिस ने मस्जिद के सदर हाजी हनीफ खान और इमाम के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि मस्जिद के सदर ने पुलिस को इमाम के ठहरने की जानकारी नहीं दी थी, जो कि कानूनी तौर पर आवश्यक था।

  2. ओवैसी का बयान: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि खंडवा पुलिस ने भारतीय संविधान के आर्टिकल 19 का उल्लंघन किया है, जो नागरिकों को स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार देता है। ओवैसी ने सोशल मीडिया पर इसे गलत बताया।

  3. पुलिस का पक्ष: खंडवा एसपी मनोज कुमार राय ने इस मामले में सफाई दी और कहा कि धारा 144 के तहत बाहरी व्यक्तियों के ठहरने की सूचना पुलिस को देना आवश्यक है। पुलिस ने इस नियम के तहत कार्रवाई की थी।

  4. पुलिस कार्रवाई पर विवाद: पुलिस की इस कार्रवाई पर विवाद भी हुआ है। कुछ लोगों ने इसे प्रशासन की तानाशाही करार दिया है, जबकि कुछ इसे सही ठहराते हुए इसे कानून के अनुसार बताया है।

एसपी ने कहा- कार्रवाई नियमों के तहत

खंडवा पुलिस ने इस मामले में सफाई दी है। एसपी मनोज कुमार राय का कहना है कि जिले में धारा 144 लागू होने के कारण बाहरी व्यक्तियों की जानकारी पुलिस को देना आवश्यक है। पुलिस ने यह कार्रवाई नियमों के तहत की थी।

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मस्जिद में बाहरी इमाम को ठहराया था

मस्जिद के सदर व इमाम पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।

मस्जिद में बिहार के इमाम को ठहराने का यह मामला दरअसल खारकलां गांव में हुआ था। खारकलां की जामा मस्जिद के सदर ने इमाम के ठहरने की जानकारी पुलिस को नहीं दी थी, जिसके कारण पुलिस ने कार्रवाई की। यह नियम के खिलाफ था, क्योंकि बाहरी लोगों के ठहरने की जानकारी पुलिस को देनी अनिवार्य होती है।

पुलिस की कार्रवाई पर विवाद 

वहीं, इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर विवाद भी हुआ। कांग्रेस और मुस्लिम संगठन इसे प्रशासन की तानाशाही करार दे रहे हैं। वहीं, कुछ लोग पुलिस की इस कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं।

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