/sootr/media/media_files/2025/10/08/lokayukt-mp-2025-10-08-21-39-37.jpg)
BHOPAL. आय से अधिक संपत्ति खड़े करने के मामलों की पड़ताल में पिछड़ रहे लोकायुक्त संगठन ने सरकार से इंजीनियर मांगे हैं। अभी तकनीकी एक्सपर्ट न होने के कारण रिश्वत के जरिए खड़ी की गईं संपत्तियों का मूल्यांकन करना मुश्किल हो रहा है। लोकायुक्त संगठन को आय से अधिक संपत्ति की शिकायतों का निपटारा करने में भी इसी वजह से देरी हो रही है। लोकायुक्त संगठन ने सरकार को पूर्व से स्वीकृत तकनीकी पदों पर नियुक्ति की याद दिलाई है।
संपत्ति की पड़ताल हो रही मुश्किल
लोकायुक्त संगठन सरकारी अधिकारी -कर्मचारी यानी लोकसेवकों के भ्रष्टाचार पर नजर रखता है। शासकीय कार्य के बदले रिश्वत की वसूली, पद के दुरुपयोग और आय से अधिक संपत्ति जमा करने से संबंधित शिकायतें लोकायुक्त के पास पहुंचती हैं।
लोकायुक्त संगठन के पास 1 अप्रेल से 31 अगस्त के बीच भ्रष्टाचार के 1143 मामले लंबित हैं। इनमें 200 से ज्यादा शिकायत लोकसेवकों द्वारा आय से अधिक संपत्ति जुटाने की हैं।
लोकायुक्त संगठन में तैनात पुलिस अधिकारी ऐसी शिकायतों की पड़ताल करने के लिए एक्सपर्ट नहीं हैं। उन्हें अचल संपत्ति जैसे भवन- भूखंडों का मूल्यांकन करने में मुश्किल होती है। अकसर इसी वजह से कभी आंकलन गड़बड़ा जाता है तो कभी जांच में ही महीनों या साल लग जाते हैं।
ये खबरें भी पढ़िए :
राहुल गांधी का छिंदवाड़ा दौरा अभी तय नहीं : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी
छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत से जुड़े अमानक कफ सिरप सहित अन्य स्टॉक सील
शासन को पत्र भेजकर दिलाई याद
लोकायुक्त संगठन मध्य प्रदेश की ओर से सरकार को तकनीकी अधिकारियों की नियुक्ति का आग्रह किया गया है। उपसचिव स्तर से शासन को लोक निर्माण विभाग, पीएचई और जल संसाधन विभागों में कार्यरत इंजीनियरों की सेवाएं उपलब्ध कराने पत्र लिखा गया है। लोकायुक्त संगठन में सहायक यंत्री स्तर के तकनीकी एक्सपर्ट के 6 पद हैं। इन पर नियुक्ति नहीं होने से संगठन को शिकायतों के निराकरण में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
ये खबरें भी पढ़िए :
एमपी को मिली दिवाली की सौगात : खजुराहो से वाराणसी के बीच चलेगी वंदेभारत एक्सप्रेस
rajasthan cyber crime साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश, एक्सिस बैंक का पूर्व कर्मचारी भी गिरफ्तार
इंजीनियरों से मांगे जा रहे प्रस्ताव
तकनीकी अधिकारियों की कमी को पूरा करने के लिए लोकायुक्त संगठन ने पीडब्ल्यूडी, पीएचई और जलसंसाधन विभाग में कार्यरत सहायक यंत्री स्तर के अधिकारियों से प्रस्ताव मांगे हैं। संगठन में सेवा देने के लिए तकनीकी एक्सपर्ट से पांच साल की अवधि में उनके विरुद्ध हुई विभागीय जांच, दर्ज हुए प्रकरण और शासन स्तर से लंबित कार्रवाई की जानकारी भी मांगी गई है। वहीं विभागों से संबंधित अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली भी जुटाई जा रही है। लोकायुक्त संगठन ने तीनों विभागों से तीन- तीन इंजीनियरों के नामों के पैनल मांगे गए हैं।