/sootr/media/media_files/2025/11/09/mp-marriage-registration-2025-11-09-19-28-12.jpg)
BHOPAL. देवउठनी एकादशी के साथ ही मध्यप्रदेश में शादियों का सीजन शुरू हो गया है। इस मौके पर योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग ने एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत अब हर शादी का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित किया जाएगा।
विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि जिले में होने वाले प्रत्येक मैरिज रजिस्ट्रेशन कराया जाए। उद्देश्य है कि दंपत्तियों को भविष्य में किसी भी कानूनी या प्रशासनिक परेशानी का सामना न करना पड़े।
ये भी पढ़िए...एमपी में सोलर पंप लेना होगा आसान, किसानों को देनी होगी इतनी राशि
विवाह स्थल पर ही मिलेगा प्रमाण-पत्र
आर्थिक एवं सांख्यिकी, कि इस विशेष व्यवस्था से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री निकाह योजना और अन्य सामूहिक विवाह समारोहों में विवाह स्थल पर ही रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र देने का सुझाव दिया गया है। यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि कई बार विवाह का रजिस्ट्रेशन न होने से विशेष रूप से महिलाओं को पति की मृत्यु के बाद स्वत्व या संपत्ति से जुड़े मामलों में कानूनी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।
ये भी पढ़िए...धीरेंद्र शास्त्री को लेकर एमपी में बवाल, भीम आर्मी और हिंदू संगठनों के बीच पत्थरबाजी
ये भी पढ़िए...ना लाइन ना झंझट, अब उज्जवला योजना में घर बैठे करें ई-केवाईसी, जानें कैसे
ये भी पढ़िए...ISRO Vacancy 2025 10वीं पास को दे रही सरकारी नौकरी का मौका, 13 नवंबर तक करें
संस्थाओं से सहयोग और जनजागरूकता पर जोर
आयुक्त ने सामूहिक विवाह कराने वाली संस्थाओं से इस जागरूकता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की है। साथ ही, सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि शादी हॉल, मैरिज गार्डन और सार्वजनिक स्थलों पर बड़े-बड़े होर्डिंग और बैनर लगाए जाएं, जिनमें विवाह रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता के बारे में स्पष्ट जानकारी दी जाए।
कानूनी सुरक्षा और सामाजिक सुविधा दोनों
यह अभियान न केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता है, बल्कि यह दंपत्तियों को भविष्य में कानूनी सुरक्षा और सामाजिक सुविधा दोनों प्रदान करेगा। सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी विवाह बिना रजिस्ट्रेशन के न हो और सभी परिवारों को इसके लाभ के प्रति जागरूक किया जाए।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us