BHOPAL. शनिवार को मीडिया की सुर्खी बने अलीगंज के हैदरी मस्जिद ( Haidari Masjid ) के मामले को लेकर अब बोहरा समुदाय ( bohara samudaay ) अलग-अलग रुख दिखाई दे रहा है। यहां पर एक बात ये भी निकलकर सामने आ रही है कि ये नारा मस्जिद में नहीं, बल्कि जमातखाने में लगा है। बोहरा समाज के विभिन्न वॉट्सएप ग्रुप में इसको लेकर बीजेपी प्रत्याशी आलोक शर्मा और समाज के आमिल जौहर अली को लेकर नाराजगी जताई जा रही है। ग्रुप में चली चर्चाओं में कहा जा रहा है कि बीजेपी प्रत्याशी आलोक शर्मा पूर्व में भी समाज के लोगों का सियासी उपयोग कर चुके हैं। ग्रुप चैट में किसी मेंबर ने विरोध दर्ज कराया है कि उन्हें एक आयोजन में बुलाकर धोखे से माता पूजन कार्यक्रम में शामिल करवा दिया गया था। बाद में इसको सियासी जामा पहना कर प्रचारित भी किया गया। लोगों का कहना है कि यह प्रक्रिया उनके समुदाय के लिए धर्म विरोधी है। इसे लेकर उन्हें कई स्तर पर आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था।
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हैदरी जमातखाने में एकत्रित हुए बोहरा समाज के लोग
इस मामले को लेकर रविवार रात को बड़ी संख्या में बोहरा समुदाय के लोग अलीगंज स्थित हैदरी जमातखाने में इकठ्ठे हुए। लोगों को संबोधित करते हुए दाऊदी बोहरा समुदाय के मुस्तुफा राजा ने कहा कि ईद के प्रोग्राम में हुईं सियासी गतिविधियों और जमातखाने को मस्जिद कहकर प्रचारित किए जाने की बात का खंडन खुद आमिल साहब को सामने आकर करना चाहिए था। राजा ने कहा कि समाज का जमातखाना सभी लोगों के लिए खुला है। इसमें सियासी दलों के लोग भी आते रहे हैं, लेकिन उन्हें मर्यादाओं में बांधकर रखना आमिल की जिम्मेदारी है। उन्होंने किसी को इस तरह की सियासी गतिविधि के लिए इजाजत दी, यह समुदाय के लिए असहनीय है।
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आज होगी बड़ी बैठक
वॉट्सएप ग्रुप में चली चर्चाओं में यह भी तय किया गया है कि इस मामले को लेकर दाऊदी बोहरा समाज आज यानी सोमवार को एक बड़ी बैठक कर सकता है। इसमें भाजपा प्रत्याशी आलोक शर्मा के लिए अपनाए जाने वाले भावी रवैए और आमिल जौहर अली के द्वारा अपनाई गई सह्रदयता पर चर्चा की जाएगी।
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जारी किए जा रहे खंडन वीडियो
बीजेपी प्रत्याशी आलोक शर्मा के समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रचारित किए जा रहे वीडियो का समाजजनों ने खंडन किया है। समाज के कमरुद्दीन दाऊदी ने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर जारी वीडियो में इस गतिविधि पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल पर इस तरह की गतिविधि स्वीकार नहीं की जा सकतीं। साथ ही जमातखाने को मस्जिद कहकर प्रचारित किया जाना किसी अपराध से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय समाज के उलेमाओं से मुलाकात करने, उनका आशीर्वाद लेने या समाज के लोगों से वोट अपील करने के लिए राजनीतिक लोग आते रहे हैं। लेकिन इस तरह से सियासी नारेबाजी और उसके गलत तरीके से किए जाने वाले प्रचार को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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यह है मामला
ईद उल फितर के मौके पर आयोजित बोहरा समुदाय के एक कार्यक्रम में बीजेपी प्रत्याशी आलोक शर्मा पहुंचे थे। यह आयोजन अलीगंज स्थित बोहरा समुदाय के जमातखाने में हुआ था। कार्यक्रम के दौरान जहां आलोक शर्मा और उनके समर्थकों ने भाजपा और पीएम मोदी के पक्ष में नारे लगाए थे। वहीं आमिल जौहर अली ने समाज के पीएम मोदी के साथ मधुर रिश्तों का जिक्र किया था। इसके कुछ दिनों शनिवार को आलोक समर्थकों ने इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया। इसमें जमातखाने की बजाए मस्जिद का नाम प्रचारित किया गया। देश स्तर पर वायरल हुए इस वीडियो से लोगों में यह भ्रांति फैलाने के प्रयास भी हुए कि आयोजन बोहरा समुदाय का न होकर मुस्लिम समाज की किसी मस्जिद का है।
देश के सर्वोच्च सिंहासन पर बैठा शख्स सम्मानीय
आयोजन के दौरान आमिल जौहर अली द्वारा पीएम मोदी की तारीफ किए जाने पर समाज के लोगों ने कहा कि बात सिर्फ मोदी जी की नहीं है, हम देश के सर्वोच्च सिंहासन पर बैठे हर व्यक्ति को सम्मान देते आए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे दर पर पीएम मोदी, उनके समर्थक आएं या राहुल गांधी या उनसे जुड़ा कोई व्यक्ति आएगा तो उसे भी इसी सम्मान से नवाजा जाएगा।