मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से राज्यमंत्री गौतम टेटवाल को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने उनके खिलाफ दायर कि गई याचिका खारिज कर दी है। आपको बता दें कि मंत्री टेटवाल की जाति को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उन पर फर्जी जाति प्रमाण के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया गया था।
जानें क्या है पूरा मामला...
मोहन सरकार के कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल की जाति को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की गई थी। अनुसूचित जाति ( एससी ) से ताल्लुक रखने वाले सारंगपुर विधायक गौतम टेटवाल के जाति प्रमाण पत्र को लेकर चुनौती दी गई। मामले में याचिकाकर्ता का कहना कि जब परिजन पिछड़ा वर्ग से हैं तो मंत्री टेटवाल अनुसूचित जाति से कैसे हो सकते हैं?
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कोर्ट ने याचिका की खारिज
कोर्ट ने बुधवार 31 जुलाई को उनके खिलाफ लगी याचिका को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने याचिका निरस्त करते कहा कि छानबीन समिति इस मामले में पहले ही जांच कर टेटवाल को क्लीन चिट दे चुकी है। ऐसे में फिर से इसी मुद्दे पर सुनवाई का मतलब नहीं है।
जितेंद्र मालवीय ने दायर की थी याचिका
इंदौर हाईकोर्ट में विधायक गौतम टेटवाल के खिलाफ याचिका राजगढ़ जिले के निवासी जितेंद्र कुमार मालवीया ने दायर की थी। याचिकाकर्ता मंत्री टेटवाल की पार्टी से ही हैं। यह याचिका बीजेपी अनुसूचित जाति जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र मालवीय ने एडवोकेट धर्मेंद्र चेलावत से लगवाई थी।
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