मध्‍य प्रदेश की मोहन सरकार गेहूं खरीदी के लिए लेगी कर्जा

मध्‍य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने किसानों का गेहूं खरीदने के लिए कर्ज लेने की तैयारी कर ली है।  इस बार बाजार से कर्ज लेने के लिए एक प्रस्वाव कैबिनेट लाया जाएगा और कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सरकार बाजार से 50 हजार करोड़ रुपए का कर्ज उठाएगी...

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Sandeep Kumar
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मोहन सरकार कर्ज लेकर गेहूं खरीदने की तैयारी कर रही है

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BHOPAL. मध्य प्रदेश (  Madhya Pradesh ) की मोहन यादव सरकार (  Mohan Yadav government )  गेहूं खरीदी के लिए इस बार बाजार से 50 हजार करोड़ रुपए ( 50 thousand crore loan ) कर्ज लेने की तैयारी में है। यह पिछली बार से 14 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। सरकार की गारंटी (  Government guarantee )  के लिए इसका प्रस्ताव कैबिनेट (Cabinet ) में जाने वाला है। इतनी बड़ी राशि बाजार से उठाने के कारण किसानों ने बोनस की मांग उठा दी है। इसके पीछे बड़ी वजह यह भी है कि 15 जनवरी को पूरी हुई धान की खरीदी (Purchase of paddy ) सरकार ने बिना बोनस के कर ली। कुल 46 लाख टन धान 2183 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीदा गया। यानी किसानों को बोनस का 3,758 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया। अगर रबी में भी बोनस नहीं मिलता है तो फिर उन्हें 4250 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। 

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बीजेपी ने किया था न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वादा

प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के संकल्प पत्र 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) पर बोनस जोड़कर गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल और धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल खरीदने का वादा था। हाल ही में पूरी हुई धान की खरीदी 2183 रुपए प्रति क्विंटल पर की गई। यानी 817 रुपए प्रति क्विंटल का किसानों को नुकसान हुआ है। यही स्थिति अब रबी सीजन के गेहूं की खरीदी की होने वाली है।  साफ है कि पार्टी के संकल्प पत्र में अनाज खरीदी से जुड़े बिंदु सवालों के घेरे में आ गए हैं। यानी कि बीजेपी ने जो संकल्प पत्र में वादा किया था किसानों को समर्थन मूल्य दिया जाएगा उसमें अभी तक पूरा नहीं किया है।  

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बोनस को लेकर बोले खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री

मध्यप्रदेश में किसानों को बोनस देने के लिए प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (  Govind Singh Rajput ) ने बड़ा बयान दिया है । गोविंद सिंह ने कहा है कि सरकार बोनस पर विचार कर रही है। जो भी संभव होगा, किसानों के लिए बेहतर करेंगे। सम्मान निधि से लेकर किसानों के हित में सरकार कई योजनाएं पहले से चला रही है। बोनस का प्रस्ताव कैबिनेट में ले जाएंगे।

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बोनस को लेकर क्या बोले किसान ?

भारतीय किसान संघ  के प्रांत प्रचार प्रमुख राहूल धूत ने कहा कि धान का बोनस ( Paddy bonus ) नहीं दिया। अब गेहूं का तो आदेश सरकार जल्दी जारी करे। अभी तक कोई आदेश नहीं होने के कारण ही हम धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। जब वादा किया है तो बोनस देना चाहिए।

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