AGAR MALWA. उद्यानिकी विभाग में वर्ष 2016 से 2017 के बिच पॉली हाउस योजना के अंतर्गत तत्कालीन उपसंचालक ( Deputy Director ), विस्तार अधिकारी और शाखा प्रभारी सहित गुजरात की कम्पनी के कर्मचारी सहित पांच आरोपियों को शासन की सम्पत्ति हड़पने के मामले में एडीजे कोर्ट आगर ने सजा सुनाई है। आरोपियों ने सांठ गांठ कर पॉली हाउस निर्माण के बिना ही कम्पनी को राशि का भुगतान कर शासन की सम्पत्ति को हड़प लिया था।
प्रथम सत्र न्यायाधीश प्रदीप दुबे ने सुनाई सजा
आज गुरुवार को प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रदीप दुबे ने पांचों को दोषी मानते हुए सात-सात साल सश्रम कारावास और प्रत्येक पर तीन-तीन लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है। तत्कालीन उप संचालक रमेश पिपल्दे, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी अनिल बिरला, शाखा प्रभारी दिनेश चौहान, देवीलाल रांगोटा और पिंक विजन कम्पनी के कर्मचारी उमेश पटेल को यह सजा सुनाई गई है।
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बिना पॉली हाउस बनाए राशि निकाली
अभियोजन अधिकारी एजीपी यशराज परमार ने बताया कि वर्ष 2017 में आगर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अभियोजन के लिए प्रस्तुत किया था। आरोपियों ने षड़यंत्रपूर्वक सरकारी संपत्ति हड़पने के उद्देश्य से 14 लाख 20 हजार रुपए पिंक विजन एग्रोटेक कंपनी को पॉली हाउस बिना निर्माण किए राशि का भुगतान कर शासन को नुकसान पहुंचाया। उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए और कारोबार में जान-बूझकर दस्तावेजों में गलत प्रविष्टियां आपराधिक षड़यंत्र किया।
7-7 की सजा और 3-3 लाख रुपए के जुर्माने की सजा
न्यायाधीश दुबे ने प्रकरण में धारा 420, 467, 468, 471, 477ए, 409 धारा में अभियोजन साक्ष्यों और प्रकरण में विचार के बाद धारा 420, 477ए, 409 सहपठित धारा 120बी के तहत पांचों आरोपियों को दोषी मानते हुए 7-7 वर्ष के कठोर कारावास और प्रत्येक को 3-3 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है, जुर्माने की राशि अदा न करने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।