मध्य प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने और ग्वालों को ज्यादा फायदा देने के लिए रविवार को एक महत्वपूर्ण MoU साइन हुआ। यह अनुबंध NDDB (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड) और MPCDF (मध्य प्रदेश सहकारी दुग्ध उत्पादन महासंघ) के बीच हुआ है। भोपाल के रवीन्द्र भवन में आयोजित एक खास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और अन्य मंत्री शामिल हुए।
इस अनुबंध के बारे में NDDB के चेयरमैन निमेष शाह ने कहा कि दुग्ध महासंघ के कुशल संचालन की जिम्मेदारी अब NDDB को दी जा रही है। इसका उद्देश्य दूध की बिक्री को बढ़ाना और ग्वालों को अधिक फायदा पहुंचाना है। शाह ही उन्होंने कहा कि किसान को इससे बड़ा फायदा मिलेगा।
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केंद्रीय मंत्री अमित शाह की घोषणा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में सहकारी समितियां अब पेट्रोल पंपों का संचालन करेंगी और रसोई गैस वितरण का काम भी संभालेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में सहकारिता सेक्टर में बहुत संभावनाएं हैं, जिनका पूरा लाभ उठाने के लिए हमें और अधिक काम करने की आवश्यकता है। शाह ने सहकारिता क्षेत्र में मध्य प्रदेश के योगदान और विकास पर जोर दिया और इस दिशा में राज्य को अधिक अवसर और समर्थन देने की बात की।
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इस अनुबंध में क्या है खास?
NDDB और MPCDF के बीच इस विशेष अनुबंध में 5500 से अधिक समितियां बनाई जाएंगी। इन समितियों के जरिए दूध बिक्री को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही सीपीपीपी के तहत मेजेस्टिक ग्रुप मंडीदीप और पैक्स घाट पिपरिया के साथ पुसा बासमती धान प्रोक्योरमेंट का MoU साइन हुआ है। इसके अलावा, पैक्स व्यवसाय के लिए ऋण पत्र भी स्वीकृत किए गए हैं और किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण किया गया है।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मंडल द्वारा पैक्स मेहड़वानी को कोदो कुटकी प्लांट के लिए 60 लाख रुपए का ऋण दिया गया। राष्ट्रीय सरकारी विकास निगम ने पैक्स गोगांव को सुपर मार्केट के लिए 120 लाख रुपए का प्रोजेक्ट ऋण प्रदान किया है।
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क्या बोले पशुपालन मंत्री लखन पटेल
पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने इस अवसर पर कहा कि यह अनुबंध दुग्ध क्रांति लाएगा और किसान की आय को दोगुना करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों को गाय और भैंस के पालन के लिए सहयोग देगी, जिससे दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, मंत्री ने यह घोषणा की कि गौमाता सड़क पर न दिखे इसके लिए सरकार ने स्वावलंबी गौशाला बनाने का निर्णय लिया है, जो पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पर बनाई जाएगी।
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सांची का नाम नहीं बदलेगा
कार्यक्रम में लखन पटेल ने यह स्पष्ट किया कि सांची नाम को लेकर कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। उनका कहना था कि सांची नाम मध्य प्रदेश के दुग्ध उत्पादन का प्रमुख प्रतीक बन चुका है और इसे बदला नहीं जाएगा।