अफसरों का गजब कारनामा, जिंदा को बताया मृत और मृत महिला को दे रहे पेंशन

मध्य प्रदेश के नीमच में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। यहां नगर परिषद के जिम्मेदारों ने जीवित होने के बावजूद महिला को कागजों में मृत घोषित कर दिया। इसकी वजह से पेंशन बंद हो गई। जानें पूरा मामला

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Vikram Jain
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Neemuch Athana Municipal Council
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BHOPAL. मध्‍य प्रदेश के नीमच जिले से अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां अधिकारियों का कारनामा जिसने भी सुना और देखा तो उसके होश उड़ गए। यहां जिम्मेदार अधिकारियों ने जिंदा को मृत और मृत को जीवित बता दिया। लापरवाही इस तरह बरती गई की 74 साल की महिला को कागजों में मरा हुआ बता दिया गया। जिसके चलते महिला को शासन से मिलने वाली पेंशन बंद हो गई। अब महिला को जिंदा साबित कर पेंशन पाने के लिए जद्दोजहद जारी है।

जानें हैरान करने वाला मामला

अधिकारी- कर्मचारियों की लापरवाही का यह पूरा मामला नीमच की अठाना नगर परिषद का है। यहां 2 साल से पहले नगर परिषद के कर्मचारियों ने 74 साल की मोहनी बाई बैरागी को कागजों में मरा हुआ बता दिया। जिसके बाद महिला को मिलने वाली पेंशन बंद हो गई। पेंशन के लिए महिला ने नगर परिषद कार्यालय के चक्‍कर लगाए, 2 साल बाद महिला की गुहार के बाद जिम्मेदार अधिकारी हरकत में आए और जांच कराई तो कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही की पोल खुल गई। सामने आया कि दूसरी मृत मोहनी बाई को कागजों में जिंदा रखकर उसके बैंक खाते में 2 साल से पेंशन आते रही।

अब बुजुर्ग का नाती मनीष बैरागी अपनी नानी को जिंदा साबित करने के लिए दफ्तरों के चक्‍कर लगा रहा है। मामले में नगर परिषद के अधिकारी इसे त्रुटि मानकर पल्ला झाड़ रहे है। लापरवाही उजागर होने के बाद नगर परिषद की बदनामी के डर से परिषद के जिम्‍मेदार मामले को दबाने में लगे हैं।  

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मृत को जिंदा और जिंदा को मृत बताया

दरअसल, मोहनी बैरागी नाम की विधवा महिला के नाती मनीष बैरागी का वीडियो सामने आया था। जिसमें उसने 2 साल से नगर परिषद के जिम्मेदारों द्वारा नानी को मृत बताने और पेंशन नहीं मिलने को लेकर अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई थी। पूरे मामले की जांच हुई को हैरान करने वाली बात सामने आई। कर्मचारियों ने जिंदा मोहनी बाई को कागज में मृत बता दिया और पेंशन बंद कर दी। जबकि मृत मोहनी बाई को जिंदा बताकर उसकी पेंशन चालू कर दी। 

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दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

मामले में मनीष बैरागी का कहना है कि अठाना नगर परिषद पहले तो नानी मोहनी बाई बैरागी को कागजों में जिंदा करे। साथ ही मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में दूसरा कोई व्यक्ति इस तरह की लापरवाही का शिकार न बने।

अठाना नगर परिषद के सीएमओ जगजीवन शर्मा इसे महज एक त्रुटि बताकर सुधारने की बात कर रहे हैं। सीएमओ का कहना है कि कर्मचारियों से त्रुटि से किसी अन्य मृत मोहनी बाई के स्थान पर मोहनी बैरागी नाम की महिला को मृत कर दिया गया। अब इसमें सुधार कर देंगे। ज्‍यादा कोई महत्वपूर्ण बात नहीं है।

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