NEET फर्जीवाड़े की जड़ें MP के आधार और लोकसेवा केंद्रों तक फैली, चल रहा है फर्जी प्रमाणपत्रों का खेल!

मध्यप्रदेश में NEET परीक्षा में फर्जी दस्तावेजों के जरिए प्रवेश की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। आरोपितों ने आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर लोकसेवा केंद्रों से फर्जी प्रमाणपत्र बनवाए थे। पुलिस जांच जारी है...

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Amresh Kushwaha
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BHOPAL. NEET परीक्षा में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश की साजिश मध्यप्रदेश में फैली हुई है। भोपाल पुलिस की जांच में पता चला कि गिरोह के आरोपितों ने आरक्षण का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड में छेड़छाड़ की थी। वे आधार केंद्रों से अपने कार्ड पर मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों का पता अपडेट करवाते थे। फिर वही आधार कार्ड लोकसेवा केंद्रों से फर्जी प्रमाणपत्र बनाने में इस्तेमाल किया गया था।

समग्र आईडी की अनदेखी ने खड़े किए सवाल

स्थानीय प्रशासन की ओर से जारी किए जाने वाले मूल निवासी प्रमाणपत्र के लिए समग्र आईडी जरूरी है। वहीं, फर्जीवाड़ा गिरोह ने इस डॉक्यूमेंट को नजरअंदाज किया था। इसके बावजूद बिना समग्र आईडी के प्रमाणपत्र कैसे जारी हुए थे, यह सवाल पुलिस की जांच में सामने आया है। इसके कारण अन्य राज्यों से आए अयोग्य अभ्यर्थी लाखों रुपए देकर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पा गए हैं।

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गिरोह ने ऐसे बनवाए फर्जी प्रमाणपत्र

फर्जीवाड़े के गिरोह ने सिर्फ मूल निवासी प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि अन्य दस्तावेज भी बनाए थे। इनमें ईडब्ल्यूएस, दिव्यांग और स्वतंत्रता सेनानी के प्रमाणपत्र शामिल थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, ये प्रमाणपत्र रीवा मेडिकल कॉलेज के कुछ कर्मचारियों की मदद से बिना सत्यापन के तैयार किए गए थे। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में बिहार के हिमांशु कुमार और मुंबई की क्रिस्टल डिकोस्टा के फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र यहीं से बनाए गए थे।

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NEET परीक्षा में फर्जीवाड़ा की खबर पर एक नजर...

  • नीट परीक्षा में प्रवेश के लिए मध्यप्रदेश में फर्जी दस्तावेजों का खेल चल रहा है, जिसमें आधार कार्ड और लोकसेवा केंद्रों का इस्तेमाल किया जा रहा था।

  • गिरोह ने आरक्षण का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड में छेड़छाड़ की और विभिन्न जिलों के पते अपडेट करवाए।

  • फर्जीवाड़े के गिरोह ने समग्र आईडी की अनदेखी कर मूल निवासी प्रमाणपत्र बनाए, जिससे अयोग्य अभ्यर्थी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पा गए।

  • गिरोह ने ईडब्ल्यूएस, दिव्यांग, और स्वतंत्रता सेनानी के फर्जी प्रमाणपत्र तैयार किए, जिनमें रीवा मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों का हाथ था।

  • पुलिस ने तीन मुख्य आरोपितों की पहचान की, जिनमें एक डॉक्टर भी शामिल है, लेकिन वे अभी तक फरार हैं और गिरोह का पूरा खुलासा नहीं हो पाया है।

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दिल्ली आधार केंद्र ने जानकारी देने से किया मना

जांच के दौरान भोपाल की कोहेफिजा पुलिस ने दिल्ली के मुख्य आधार केंद्र से जानकारी मांगी थी। वहीं केंद्र के अधिकारियों ने जानकारी देने से मना कर दिया है। उनका कहना था कि वे सिर्फ हाईकोर्ट के आदेश पर ही जानकारी देंगे।

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मुख्य आरोपित अभी भी फरार

पुलिस जांच में गिरोह के तीन मुख्य आरोपितों के नाम सामने आए हैं। इसमें रीतेश यादव, संदीप कुमार और सुमित कुमार आदित्य का नाम शामिल है। सुमित कुमार रीवा मेडिकल कॉलेज का डॉक्टर है। पुलिस को शक है कि उसने फर्जी दस्तावेजों से कॉलेज में प्रवेश लिया था। इन आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई जारी है, लेकिन वे अभी तक फरार हैं। इस वजह से पूरे गिरोह का खुलासा नहीं हो पाया है।

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