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मध्यप्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नए मेडिकल कॉलेजों की योजना बनाई है। आगामी वर्ष में राजगढ़, बुदनी और छतरपुर में नए मेडिकल कॉलेज शुरू हो सकते हैं। इन कॉलेजों में एमबीबीएस की 150-150 सीटें निर्धारित की गई हैं। भवन निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब प्रमुख चुनौती फैकल्टी की कमी को पूरा करना है।
एनएमसी द्वारा निरीक्षण और मान्यता प्रक्रिया
इन नए कॉलेजों के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। NMC की टीम 2026 में इन कॉलेजों का निरीक्षण करेगी, लेकिन इससे पहले फैकल्टी की भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं पर विचार कर रही है, जिसमें छोटे जिलों के लिए विशेष प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय भी शामिल है।
फैकल्टी की भर्ती के लिए विशेष योजना
सरकार फैकल्टी के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रोत्साहन राशि देने की योजना बना रही है। यह राशि फैकल्टी को उनके वेतन का 20 प्रतिशत तक दी जाएगी, ताकि उन्हें आकर्षित किया जा सके। इस योजना के बाद ही नए मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
5 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी
👉 मंडला में 2026-27 में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू होने की योजना थी, लेकिन भवन निर्माण में देरी के कारण यह पाठ्यक्रम अब 2027-28 में शुरू होगा। 👉 इन नए कॉलेजों के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) से मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इसमें फैकल्टी की भर्ती प्राथमिकता होगी। 👉 फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए सरकार प्रोत्साहन राशि देने की योजना बना रही है। यह राशि फैकल्टी के वेतन का 20 प्रतिशत तक हो सकती है। 👉 प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत बैतूल, पन्ना, धार और कटनी में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। इस प्रक्रिया में एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। |
पीपीपी मॉडल के तहत नए कॉलेजों की स्थापना
प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत 12 जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए आमंत्रण जारी किया था। बैतूल, पन्ना, धार और कटनी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए दो अलग-अलग समूहों ने प्रस्ताव दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में मंगलवार को इन कॉलेजों के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MOU) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
संभावित प्रभाव और भविष्य की योजना
MP में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से चिकित्सा शिक्षा का स्तर बढ़ेगा और चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। हालांकि, फैकल्टी की कमी सबसे बड़ी चुनौती होगी। यदि सरकार इस समस्या का समाधान करती है, तो नए कॉलेजों से स्थानीय क्षेत्रों में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार होगा।
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मंडला में MBBS पाठ्यक्रम की शुरुआत में देरी
मंडला में 2026-27 में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना थी। लेकिन भवन निर्माण में देरी के कारण यह पाठ्यक्रम अब 2027-28 में शुरू होगा। इस देरी के कारण सरकार को अन्य मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए अधिक तैयारी करने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
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